पानी की अंधेगामी उपयोग को रोकने के लिए डेयरियों पर लगाए जाएंगे मीटर, टंकियां रखने की सलाह
कार सेवा द्वारा बुड्ढा दरिया की सफाई करवाने वाले राज्यसभा सदस्य और पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल जी की अगुवाई में हुई समीक्षा बैठक में कठोर फैसले लिए गए। इस बैठक में चंडीगढ़ से स्थानीय सरकारों विभाग के संयुक्त सचिव हरप्रीत सिंह अटवाल भी उच्चस्तरीय रूप से उपस्थित थे।ताजपुर और हैबोवाल डेयरी कॉम्प्लेक्स में लगे ईटीपी प्लांट अपनी क्षमता अनुसार नहीं चल रहे हैं। इन दोनों प्लांटों को अब तक 3 करोड़ 60 लाख का पर्यावरण हर्जाना हो चुका है।बैठक में यह निर्णय लिया गया कि डेयरियों द्वारा भूमि के नीचे पानी की अंधेगामी उपयोग को रोकने के लिए डेयरियों पर मीटर लगाए जाएंगे और टंकियां रखने की सलाह दी गई। उल्लेखनीय है कि डेयरियां थोड़े से पानी के लिए भी मोटरें चलाती हैं, जिससे पानी की बर्बादी ज्यादा होती है।बैठक में मौजूद पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों को लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए।बैठक में मौजूद नगर निगम लुधियाना के ज्वाइंट कमिश्नर परमदीप सिंह खैराने बताया कि बुद्धे दरिया में डेयरियों से गिर रहे गंदे पानी को रोकने के लिए काम तेज़ी से चल रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो काम 'ए' और 'सी' ब्लॉक में चल रहे हैं, वे 27 अप्रैल तक पूरा हो जाएंगे।
पीपीसीबी के अधिकारियों को भी यह निर्देश दिया गया कि वे इलेक्टोप्लेटिंग इंडस्ट्री की पहचान करेंगे, जो अपना जहरीला पानी सीईटीपी में भेजने की बजाय सीवरेज में डाल रहे हैं, जिससे बुड्ढा दरिया का प्रदूषण हो रहा है। यह काम एक हफ्ते के भीतर पूरा करने की हिदायत दी गई।ताजपुर इलाके में 40 से 45 डाईंग इंडस्ट्रीज़ हैं। इन डाईंगों द्वारा अंधेगामी पानी के इस्तेमाल को रोकने के लिए सख्ती से निर्देश दिए गए हैं।बैठक में मौजूद पीपीसीबी के अधिकारियों ने बताया कि जिन 247 प्रिंटिंग और वॉशिंग यूनिट्स के खिलाफ कार्यवाही की गई थी, उनमें से 150 फैक्ट्रियों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। ये फैक्ट्रियां पीपीसीबी द्वारा निर्धारित मानकों का उल्लंघन कर रही थीं।बैठक में नगर निगम, ड्रेनेज, पंचायती विभाग, ग्लाडा पीपीसीबी और अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।