समय : सुबह के करीब साढ़े बजे
स्थान : सिविल अस्पताल लुधियाना
ऐसा नहीं है कि हमारी टीम इससे पहले सिविल अस्पताल नहीं गई। इससे पहले सिविल अस्पताल का जेहन में आते ही एक ऐसे अस्पताल की तस्वीर उभर आती थी जिसे खुद इलाज की जरूरत होती थी। यहां मरीज तो आते थे लेकिन न तो उचित इलाज मिलता था और न ही दवाईयां व अन्य सुविधाएं। ऐसे में सिविल अस्पताल का इस्तेमाल अधिकतर कैदियों के मेडिकल या फिर लड़ाई झगड़ें के मामलों में एमएलआर कटवाने के लिए ही अधिकतर होता था। पिछले दिनों आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल, सीएम पंजाब भगवंत मान द्वारा सिविल अस्पताल के नवीनीकरण, सौंदर्यीकरण व सुविधाओं से लैस होने के दावे किए गए। यह भी बताया गया कि एमपी संजीव अरोड़ा द्वारा एमपीएलएडी और सीएसआर फंड का उपयोग करके अस्पताल के आधुनिकीकरण में योगदान दिया गया है। आज हमारी टीम जब अस्पताल पहुंची तो सबसे पहले अस्पताल के मेन गेट से ही इसका कुछ खाका सही सही खीचता दिखता रहा। दावे के मुताबिक अस्पताल के मुख्य गेट पर लगा बोर्ड व एंट्री प्वाइंट उचित पार्किंग प्रणाली का बंदोबस्त नजर आया। इसके अलावा एमरजेंसी के ओर जाते हुए रास्ते में बने पार्क पर बच्चे झूलों का आनंद लेते दिखे। साफ सफाई भी आगे से बेहतर दिखी व हरियाली के साथ साथ पौधारोपण भी देखने को मिला। अस्पताल के स्टाफ व आम लोग अस्पताल में बढ़ी सुविधाओं का जिक्र करते दिखे। खासकर सबसे बड़ी दिक्कत आईसीयू की थी जिसके कारण मरीज को बाहरी अस्पताल में रैफर करना पड़ता था। अब मरीजों को यही यह सुविधा मिलने लगी। (देखें वीडियो)
सांसद संजीव अरोड़ा ने कहा, "आज सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम है। लुधियाना के सिविल अस्पताल में इस अत्याधुनिक आईसीयू यूनिट की स्थापना न केवल बुनियादी ढांचे में वृद्धि है, बल्कि यह जीवन बचाने, समय पर महत्वपूर्ण देखभाल प्रदान करने और यह सुनिश्चित करने का वादा है कि चिकित्सा आपात स्थिति के समय कोई भी नागरिक पीछे न छूट जाए। मैं पूरी मेडिकल टीम और अस्पताल प्रशासन को उनके समर्पण के लिए बधाई देता हूं और हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए अपने निरंतर समर्थन का आश्वासन देता हूं।"
सांसद अरोड़ा ने कहा कि सिविल अस्पताल, लुधियाना में हमेशा लुधियाना और उसके आसपास के क्षेत्रों से मरीजों की भारी भीड़ देखी जाती है। औसतन, ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 2,000 मरीज आते हैं।
आधुनिकीकरण एवं सौंदर्यीकरण पर एक नजर
-अत्याधुनिक 8 बिस्तरों वाले अपग्रेडेड इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) स्थापितए आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट के साथ 4 आईसीयू बेड और हाई फ्लो नेज़ल ऑक्सीजन (एचएफएनओ) और बाईपैप सुविधाओं से लैस 4 एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) बेड शामिल।
-लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक ऑर्थोपेडिक ऑपरेशन थिएटर बनाया गया है, जिससे अस्पताल में ऑपरेशन की क्षमता बढ़ी।
- इस विश्वस्तरीय अस्पताल में ऑपरेशन संबंधी अत्याधुनिक तकनीक और उपकरण लगाए गए हैं, जिससे ऑर्थोपेडिक से जुड़ी जटिल प्रक्रियाएं कुशलता से संपन्न की जा सकेंगी।
- हाल ही में 16 नई नियुक्तियां की गई हैं, जिनमें से अधिकांश मुख्य रूप से नर्सिंग स्टाफ
-ओपीडी, इमरजेंसी यूनिट और इन-पेशेंट वार्डों के सभी शौचालयों का नवीनीकरण किया गया
-सफाई के महत्व को समझते हुए, अस्पताल को 500 नई उच्च गुणवत्ता वाली चादरें प्रदान की गई हैं।
-पीने योग्य पानी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, अस्पताल के महत्वपूर्ण स्थानों पर 80 लीटर की क्षमता वाले 5 आधुनिक वाटर कूलर लगाए गए।
- अस्पताल को बेहतरीन लुक देने और स्वच्छ वातावरण बनाए रखने के लिए पूरे परिसर की पांच फीट ऊंची चारदीवारी पर नई टाइलें लगाई गई हैं। टूटे हुए फर्श की मरम्मत की गई है और पिछले वर्षों में इमारत को हुए नुकसान को ठीक किया गया है।
-पूरी छत पर आधुनिक सामग्री और तकनीकों से वॉटरप्रूफिंग करवाई गई है। इसी तरह, अस्पताल के जर्जर दरवाजों और खिड़कियों को बदला या मरम्मत किया गया है।
- अस्पताल की 12 वर्ष से बंद पड़ी दो पुरानी लिफ्टों को बदला गया है, बंद पंखे और लाइटें भी बदली गई हैं। रात में पर्याप्त रोशनी सुनिश्चित करने के लिए पूरी लाइटिंग प्रणाली को दुरुस्त किया गया है, ताकि मरीजों की सुरक्षा में कोई कमी न हो।
-वाहनों की सुचारू आवाजाही और पैदल चलने वालों की सुविधा के लिए अस्पताल की सभी जर्जर सडक़ें तोडक़र दोबारा बनाई गई हैं।
-पार्किंग व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सभी पार्किंग क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाले पेवर ब्लॉक लगाए गए। -मरीजों के इंतजार के दौरान बैठने की सुविधा के लिए पांच हजार स्क्वायर फीट का शेड बनाया गया है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को खराब मौसम में छत मिल सकेगी।
-इसी तरह, अस्पताल के बाहरी क्षेत्र को आकर्षक बनाने के लिए पूरे परिदृश्य को हरा-भरा स्वरूप दिया गया है। बच्चों के लिए झूले लगाए गए।
-अस्पताल के मुख्य गेट को न केवल मजबूत किया गया है, बल्कि इसे नया रूप भी दिया गया है, ताकि यहां आने वालों को बेहतर माहौल मिल सके।
आवारा पशुओं को रोकने के लिए मुख्य गेट पर ग्रिलें लगाई गई हैं, जिससे कोई भी जानवर अस्पताल में प्रवेश न कर सके और स्वच्छ वातावरण बना रहे।
अस्पताल में चूहों की समस्या को नियंत्रित करने के लिए भी उपयुक्त प्रबंध किए गए हैं।
-अस्पताल की पूरी चारदीवारी का नवनिर्माण करवाया गया है ताकि अस्पताल की सुरक्षा को मजबूत किया जाए।
Powered by Froala Editor
Civil-hospital-ludhiana-mp-sanjeev-arora-efforts-get-fruitile-
Jagrati Lahar is an English, Hindi and Punjabi language news paper as well as web portal. Since its launch, Jagrati Lahar has created a niche for itself for true and fast reporting among its readers in India.
Gautam Jalandhari (Editor)