चंडीगढ़ से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि आज हर किसी को देश के संविधान की चिंता है। उन्होंने इस दौरान देश के उप राष्ट्रपति द्वारा न्यायपालिका पर की गई टिप्पणी का भी उल्लेख किया।
चंडीगढ़ प्रादेशिक कांग्रेस के अध्यक्ष एच.एस. लक्की, पार्षद गुरप्रीत गाबी आदि की उपस्थिति में वार्ड नंबर 34 में संसदीय कोटे से जारी 10 लाख रुपए की ग्रांट से लगे सीसीटीवी कैमरों का उद्घाटन करने के अवसर पर संबोधित करते हुए, तिवारी ने कहा कि उन्होंने गोबिंद सिंह वूमेन कॉलेज का दौरा किया था, जहां मौजूद बुद्धिजीवियों ने भी उनके समक्ष अपनी चिंता जाहिर की थी कि देश के संविधान को बचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस इस बात पर जोर दे रही थी कि देश का संविधान खतरे में है। देश के संविधान की रक्षा करने की आवश्यकता है और पिछले एक वर्ष में जो घटनाएं घटी हैं, उनसे यह साबित होता है कि उस समय हम देश की जनता से जो कह रहे थे, वह बिल्कुल सही था। हम चुनाव के समय कहते थे कि अगर उनको 400 सीटें मिल जाती, तो वे बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर संविधान भी बदल सकते थे।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के उप राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 142 के संबंध में बयान दिया है, जो देश की सर्वोच्च अदालत को न्याय के लिए कानून के दायरे से बाहर जाकर न्याय करने का अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति का यह कहना कि धारा 142 न्यायपालिका के हाथ में एक न्यूक्लियर मिसाइल है, जिसका वह 24 घंटे, सातों दिन इस्तेमाल कर सकती है, दुखद है। यह बहुत गंभीर मामला है।
इसके अलावा, उन्होंने चंडीगढ़ में संपत्ति कर में तीन गुना वृद्धि पर भी रोष व्यक्त किया। यह मुद्दा उन्होंने संसद में भी उठाया था।
जहां अन्य लोगों के अलावा, चंद्रमुखी शर्मा, डीपीएस रंधावा भी मौजूद रहे।