पी.एस.पी.सी.एल. ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में पछवाड़ा कोल खदान में प्राप्त की पीक रेटेड क्षमता : हरभजन सिंह ई.टी.ओ.
Apr1,2025
| Gurvinder Singh Mohali | Chandigarh
कोल खदान के पुनरुद्धार से पंजाब बिजली क्षेत्र को हुई 950 करोड़ रुपये की बचत
पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) के थर्मल पावर प्लांटों के लिए निर्बाध और किफायती कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ी सफलता के तहत, वित्तीय वर्ष 2024-25 में अपनी पछवाड़ा केंद्रीय कोल खदान में 70 लाख टन कोयला निकालकर पीक रेटेड क्षमता प्राप्त कर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है। यह जानकारी बिजली मंत्री स हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने आज यहां जारी एक प्रेस बयान के माध्यम से दी।
कैबिनेट मंत्री स हरभजन सिंह ने बताया कि पछवाड़ा खदान, जो 31 मार्च 2015 से बंद थी, को मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के सक्रिय और दूरदर्शी नेतृत्व में दिसंबर 2022 में सफलतापूर्वक पुनः संचालित किया गया। पुनरुद्धार के बाद, इस कोयला खदान ने पी.एस.पी.सी.एल. के थर्मल पावर स्टेशनों को 115 लाख टन कोयला आपूर्ति किया है, जिससे कोल इंडिया लिमिटेड (सी.आई.एल.) से प्राप्त कोयले की तुलना में अनुमानित 950 करोड़ रुपये की बचत हुई है। इससे बिजली उत्पादन लागत में काफी कमी आई है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पछवाड़ा खदान में उच्च स्तर की क्षमता प्राप्त करना यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ऊर्जा सुरक्षा, परिचालन दक्षता और वित्तीय विवेक के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि कोयला खरीद में आत्मनिर्भरता बढ़ाएगी, बाहरी स्रोतों पर निर्भरता कम करेगी और पंजाब के लिए बिजली आपूर्ति को स्थिर बनाएगी।
इस उपलब्धि का जिक्र करते हुए बिजली मंत्री स हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने कहा, “पछवाड़ा खदान में यह शानदार सफलता पंजाब की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। कोयले की स्थिर और किफायती आपूर्ति सुनिश्चित कर, हम उपभोक्ताओं को विश्वसनीय और सस्ती बिजली प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने आगे कहा कि इस उपलब्धि से राज्य के बिजली बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने तथा स्थिर बिजली दरों को बनाए रखने में मदद मिलने की उम्मीद है।
कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि खदान के संचालन के साथ, पी.एस.पी.सी.एल. ने फ्लेक्सी नीति के तहत तलवंडी साबो और राजपुरा में अपने कोल इंडिया लिंकेज को स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आई.पी.पी.) में परिवर्तित कर दिया है, जिससे आयातित या वैकल्पिक कोयले की आवश्यकता समाप्त कर देश की कीमती विदेशी मुद्रा बचाने में योगदान दिया गया है। उच्च गुणवत्ता वाले कोयले की उपलब्धता ने पी.एस.पी.सी.एल. के अपने थर्मल पावर प्लांटों के प्लांट लोड फैक्टर (पी.एल.एफ.) में काफी सुधार किया है।
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