पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल की एक प्रेस कांफ्रेंस माता रानी रोड स्थित मुख्य दफ्तर में स्टेट जनरल सेक्रेटरी और राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड के सदस्य सुनील मेहरा और स्टेट सेक्रेटरी आयुष अग्रवाल की अगुवाई में हुई । ये प्रेस वार्ता पंजाब के किसानों द्वारा किए बंद को लेकर हुई थी । इन व्यापारी नेताओं का कहना है कि पहले ही पंजाब राज्य आर्थिक मंदी से झूझ रहा है । पंजाब में कानून व्यवस्था में अस्थिरता के कारण बाहर से आने वाला व्यापारी डरने लगा है और जो व्यापार राज्य में फल फूल रहा था उसमे भी कमी आने लगी है । पिछले किसान आंदोलन में राज्य का ₹5 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था और केवल लुधियाना का, जो राज्य का उद्योगिक और व्यापारिक केंद्र है , ₹1 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था। अभी व्यापार जगत उस नुकसान से उभरा भी नहीं था कि इस वर्ष फ़रवरी से पंजाब के दोनों बॉर्डर, शंभु और खनौरी , किसानों ने प्रदर्शन के चलते बंद र दिए। बॉर्डर बंद होने के कारण बाहर से व्यापारी को आने में दिक्कत आने लगी , माल की आवा जाही में दिक्कत आने लगी और महंगे दरों पर पंजाब से निर्यात होने लगा। बॉर्डर बंद होने के कारण हर सप्ताह लगभग ₹300 करोड़ रुपए की लागत एक्स्ट्रा लगने लगी । पंजाब राज्य का व्यापारी अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा से बाहर होने लगा। आज किसानों मोर्चों ने , फिर एक बार पंजाबियों की ज़िंदगी की पटरी पर चलने पर रोक लगा दी और केवल लुधियाना इकाइयों को लगभग ₹1500 करोड़ का नुक़सान रास्ते , ट्रेनें और बॉर्डर बंद होने की वजह से झेलना पड़ा ।
पंजाब राज्य में सरकार पर आज ₹3.5 लाख करोड़ से अधिक ऋण का बोझ है । पंजाब का व्यापारी राज्य का दर्द समझता है और दिन रात एक कर के राज्य का जीएसटी संग्रह में बढ़ौतरी करवा कर उससे आज सालाना ₹20 हज़ार करोड़ तक ले गया है , वह चाहे पड़ोसी राज्य हरियाणा से चार गुना कम हो । पंजाब का नौजवान राज्य छोड़ दूसरे राज्यों और देशों में पलायन कर रहा है। सरकार भी मानती है 9 लाख से अधिक नौजवान राज्य छोड़ चुके हैं । आज राज्य का बेरोजगार दर राष्ट्रीय बेरोजगार दर से दो गुना है , 19 प्रतिशत । इन व्यापारी नेताओं ने कहा कि हम किसानों से गुज़ारिश करते हैं कि वे इस बात को समझें कि किसान और व्यापारी दोनों राज्य की रीढ़ की हड्डी हैं । केवल एक वर्ग की भलाई का सोचते सोचते राज्य और दूसरे वर्ग का नुक़सान ना करें । इन नेताओं ने यह भी कहा कि किसानी जत्थेबंदियों ने पंजाब व्यापार मंडल से कोई सलाह विमर्श किए बगैर ये बंद का आयोजन किया।
इन नेताओं ने पंजाब की आर्थिक हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार और किसानों को एक मंच पर आ कर इस समस्या का समाधान निकालना होगा क्यूंकि पंजाब का व्यापारी और पंजाबी अब और राज्य का नुक़सान होते नहीं झेल सकता । पंजाब के विकास के लिए हमारी संस्था हमेशा आगे रही है , यदि सरकार , किसान और व्यापारी एक मंच पर आ कर राज्य विकास की बात करेंगे तो राज्य के लिए अच्छा होगा । इन नेताओं ने यह भी कहा कि जल्द ही राज्य भर के व्यापारियों की एक समूह बैठक लुधियाना में बुलाई जाएगी और इस समस्या पर चर्चा की जाएगी और जरूरत पड़ी तो किसानों की तर्ज पर व्यापारी भी अपने और अपने राज्य की तरक्की के लिए संघर्ष का बिगुल बजाएगा।
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Gautam Jalandhari (Editor)