मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी टेका माथा, कहा - हमें शुरू से पता था कि मनीष सिसोदिया पर दर्ज झूठे केस अदालत में ज्यादा दिन नहीं टिकेंगे
हम यही उम्मीद अरविंद केजरीवाल के केस में भी कर रहे हैं
श्री दरबार साहिब में नतमस्तक होना मेरा सौभाग्य, मैं जेल में भी यही अरदास करता था कि सच्चाई की जीत हो - मनीष सिसोदिया
अमृतसर/चंडीगढ़, 25 अगस्त
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया रविवार को अपने परिवार के साथ श्री दरबार साहिब और दुर्गयाना मंदिर में नतमस्तक हुए। दिल्ली एक्साइज मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मनीष सिसोदिया पहली बार पंजाब आए हैं। उनके साथ मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद थे। उन्होंने भी माथा टेका और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्री दरबार साहिब के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, "मनीष सिसोदिया जी सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिलने पर दरबार साहिब नतमस्तक हुए हैं। सच्चाई की जीत हुई है।" मान ने कहा कि यह कोई पॉलिटिकल प्रोग्राम नहीं है। मनीष सिसोदिया सिर्फ दर्शन करने आए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें शुरू से पता था कि आप नेताओं पर झूठे केस दर्ज थे जो ज्यादा देर अदालतों में टिक नही सकते थे। हम यही उम्मीद अरविंद केजरीवाल के केस में भी कर रहे हैं। उनके पास संजय सिंह के खिलाफ भी कोई सबूत नहीं था। इससे साबित होता है कि वे कुछ समय के लिए हमारे नेताओं को जेल में भेज कर पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आम आदमी पार्टी किसी और मिट्टी की बनी हुई है। इसमें कोई दरार नहीं आ सकती।
मनीष सिसोदिया ने मीडिया से कहा, "मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि मुझे दरबार साहिब में नतमस्तक होने का मौका मिला। मैं पूरी श्रद्धा के साथ अपने परिवार के साथ यहां आया हूं। मैं जेल में भी यही अरदास करता था कि सच्चाई की जीत होनी चाहिए। दरबार साहिब के आशीर्वाद और देश के संविधान की वजह से मुझे न्याय मिला।"
सिसोदिया ने कहा कि मेरी मान साहब से बात भी हुई थी कि सबसे पहले सचखंड श्री दरबार साहब जाकर माथा टेकेंगे। मान साहब मेरे भाई हैं। उन्होंने कहा कि कहा कि मैंने केजरीवाल साहब के लिए भी अरदास की है कि वह जल्द से जल्द बाहर आए। मुझे पूरा भरोसा है कि उनके मामले में भी सच्चाई की जीत होगी। उन्होंने कहा कि मैं ऊपर वाले का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने संकट के समय में हमें हौसला दिया और हमारी टीम एकजुट रही।
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Gautam Jalandhari (Editor)