- तीन मोबाइल फ़ोन, दो डौंगल, एक आधर कार्ड और एक एटीएम कार्ड बरामद
- मुलजिम गोगी सिंह ऐसऐफजे का मुख्य संचालक है और न्यूयार्क स्थित गुरपतवंत पन्नू के साथ सीधा संपर्क में था: डीजीपी गौरव यादव
चंडीगढ़/ बठिंडा, 14 मईः
काउन्टर इंटेलिजेंस (सीआइ) बठिंडा और ज़िला पुलिस बठिंडा ने सांझे आपरेशन के दौरान सिखस फार जस्टिस ( ऐसऐफजे) के तीन गुर्गों को पंजाब में बठिंडा और दिल्ली की अलग-अलग सार्वजनिक स्थानों पर खालिस्तान पक्षीय नारे लिखने के दोष अधीन गिरफ़्तार किया है। यह जानकारी आज यहाँ डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी।
बताने योग्य है कि न्यूयार्क आधारित ऐसऐफजे- जो मास्टर माइंड गुरपतवंत सिंह पन्नू की हिमायत प्राप्त है- को भारत सरकार द्वारा ग़ैर- कानूनी संगठन के तौर पर मनोनीत किया गया है। हाल ही में 24 अप्रैल को बठिंडा के ज़िला प्रशासनिक कंपलैक्स और कोर्ट कंपलैक्स की दीवारों पर खालिस्तान पक्षीय नारे लिखे हुए पाये गए थे, जिससे कुछ दिनों बाद 9 मई को दिल्ली के झंडेवाल मेट्रो स्टेशन और करोल बाग़ मेट्रो स्टेशन पर भी ऐसे ही नारे लिखे हुए पाये गए थे।
गिरफ़्तार किये गए मुलजिमों की पहचान गोगी सिंह निवासी गाँव जीवन सिंह वाला, बठिंडा और जौनी निवासी गाँव जिओण सिंह वाला, तलवंडी साबो के तौर पर हुई है, जबकि तीसरा मुलजिम जिसकी पहचान पहचान प्रितपाल सिंह निवासी गाँव डोड, फरीदकोट के तौर पर हुई है, को बठिंडा जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया है। प्रितपाल को जी- 20 के दौरान दिल्ली मेट्रो और बठिंडा थर्मल प्लांट पर गरैफिटी लिखने के दोष में भी गिरफ़्तार किया गया था।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि गोगी सिंह, जोकि ऐसऐफजे का मुख्य संचालक है, गुरपतवंत सिंह पन्नू के सीधे संपर्क में था और उसने पन्नू के निर्देशों पर पैसों के बदले इस कार्यवाही को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि मुलजिम ने दीवारों पर लिखे नारों की फोटों/ वीडियो भी पन्नू के साथ सांझा की थीं। उन्होंने आगे बताया कि पुलिस टीमों ने उसके पास से तीन मोबाइल फ़ोन, दो डौंगल, आधार कार्ड और एटीएम कार्ड भी बरामद किया है।
उन्होंने बताया कि इस मामले को सुलझाने के लिए काउन्टर इंटेलिजेंस बठिंडा और बठिंडा पुलिस ने सांझे तौर पर पेशेवर और वैज्ञानिक ढंग से जांच की।
एसएसपी बठिंडा दीपक पारिक ने बताया कि तकनीकी ढंग के साथ कार्यवाही करते हुये बठिंडा पुलिस ने मुलजिम जौनी को पकड़ने में कामयाबी हासिल की। इसके उपरांत जौनी ने खुलासा किया कि बठिंडा में अलग-अलग स्थानों पर नारे लिखने की कोशिश के समय वह गोगी के साथ थी।
उन्होंने बताया कि मुलजिम जौनी के खुलासे के बाद बठिंडा पुलिस और सीआइ बठिंडा ने विशेष मुहिम चला कर गोगी सिंह को गिरफ़्तार कर लिया।
इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुये एआईजी सीआइ बठिंडा अवनीत कौर सिद्धू ने बताया कि आबकारी एक्ट के अंतर्गत बठिंडा पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किये मुलजिम गोगी की बठिंडा जेल में प्रितपाल सिंह के साथ मुलाकात हुई थी और जेल से बाहर आने के उपरांत वह उसके संपर्क में रहा। उन्होंने बताया कि मुलजिम प्रितपाल ने गोगी की जान-पहचान गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथ करवाई, जिसने गोगी को खालिस्तान पक्षीय नारे लिखने का काम सौंपा और उसको मुक्तसर कोटकपूरा रोड पर छिपाए गये 50000 रुपए लेने के लिए कहा।
इस सम्बन्धी एफआईआर नं. 55 तारीख़ 27/ 4/ 24 को थाना सिवल लाईन बठिंडा में भारतीय दंड संहिता ( आइपीसी) की धारा 153 बी के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है
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Gautam Jalandhari (Editor)