भारत में पहली बार इलैक्ट्रॉनिकस और कंप्यूटर एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल (ईऐससी), सॉफ्टवेयर टैक्नोलोजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआइ) की तरफ से स्टार्ट-अप पंजाब के साथ मिलकर चुनिंदे राज्यों में स्टार्टअप सम्मिट-बिल्डिंग द नेक्स्ट यूनिकॉर्न करवाया जा रहा है जिससे देश में स्टार्टअप कल्चर को मज़बूत किया जा सके और इनमें से सबसे उत्तम कारगुज़ारी वाले स्टार्टअपज़ की पहचान करते हुये यूनिकॉर्न के प्रसार के लिए एक ढांचा तैयार किया जा सके। सम्मेलन के दौरान यह सहमति बनी कि वैश्विक स्तर पर इसका प्रसार न सिर्फ़ स्टार्टअपज़ और नये कारोबारों के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता और मील पत्थर साबित होगा, बल्कि यह उनके विकास के मार्ग में एक महत्वपूर्ण चुनौती भी है। वैश्विक स्तर पर विस्तार करने की कोशिश कर रहे भारतीय स्टार्टअपस के लिए सरहद-पार प्रसार करना भी एक चुनौती बन गया है। इसके इलावा वैश्विक स्तर पर विस्तार की योजना बनाते समय फंडिंग की कमी की चुनौती का भी सामना करना पड़ता है। यह ज़रूरत महसूस करते हुये कि सीमा-पार भी भारतीय स्टार्टअपस का विस्तार हो रहा है, मौजूदा पहलकदमी भारतीय टेक स्टार्टअपस के लिए उपरोक्त दो महत्वपूर्ण नुक्तों के हल में सहायक सिद्ध होगी। इस मौके पर चेयरमैन, ईऐससी, सन्दीप नरूला ने कहा कि ईऐससी और एसटीपीआइ की प्रमुख कोशिश स्टार्टअप का एक मज़बूत आधार बनाना और अमरीका में उनके समकक्षों के साथ नैटवर्किंग को उत्साहित करना है जिससे देश में स्टार्टअप को बढ़ने-फूलने में सहायता प्रदान की जा सके जिससे रोज़गार के और ज्यादा मौके पैदा होने के साथ-साथ राष्ट्रीय जीडीपी में आईटी सैक्टर का योगदान भी बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि स्टार्टअप भारत को भविष्य में 5 ट्रिलीयन डालर की अर्थव्यवस्था तक ले जाने के लिए सबसे अहम ज़रिया है। जिन राज्यों ने स्टेट सम्मिट की मेज़बानी करने के लिए रूचि दिखाई है, उनमें आंध्रा प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, नयी दिल्ली, पंजाब और कर्नाटक शामिल हैं। इन सम्मेलनों के पूरा होने के बाद एक वर्चुअल स्क्रीनिंग और स्लैकटिव सैशन की भी योजना बनाई जा रही है जिससे बाकी राज्यों से भी नवीनताकारी तकनीकी स्टार्टअपस की षिरकत को यकीनी बनाया जा सके। सचिव-कम-डायरैक्टर उद्योग और वाणिज्य सिबिन सी ने कहा कि यह भारत ख़ास तौर पर पंजाब के भागीदारों के लिए एक विशेष अनुभव होगा। यह मिशन यूनिकॉर्न, निवेशकों, वीसीज़ आदि के निर्माताओं को मिलने के लिए कौंसिल की एक विलक्षण पहलकदमी होगी। संयुक्त राज्य में होने वाले फिनाले में भारत में नये यूनिकॉर्न स्थापित करने का मार्गदर्शक बनने वाले अग्रणी स्टार्टअपस इकठ्ठा होंगे। चुने गए स्टार्टअपस को यूएसए के लिए यात्रा ग्रांट और यूएसए में ग्लोबल टैक्नोलोजी स्टार्टअपस के साथ नैटवर्किंग के इलावा यूएस निवेशकों और वैंचर पूँजीवादियों के साथ पहले से निर्धारित मीटिंगें का मौका मिलेगा। आज पंजाब में लगभग 750 स्टार्टअप हैं और इनमें से लगभग 80 स्टार्टअप पंजाब में रजिस्टर्ड हैं, जिनको पंजाब के अगले यूनिकॉर्न बनने तैयार किया जा रहा है। सिबिन सी ने बताया कि पंजाब सरकार ने 15 तकनीकी स्टार्टअपस को उनके विकास के यत्नों में सहायता के लिए 45 लाख रुपए बाँटे हैं और अन्य 15 स्टार्टअपस के लिए सीड मनी प्रदान करने की प्रक्रिया की जा रही है। डायरैक्टर गुरूग्राम परितोश डंडरियाल ने कहा कि भारतीय आई. टी सैक्टर के लिए यह विलक्षण पहलकदमी स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तजुर्बे को सांझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। इसके साथ ही, यह अधिक से अधिक भारतीय स्टार्टअपों को अपने आप को यूनिकॉर्न में बदलने और विश्व स्तर पर अपने विस्तार के लिए ध्यान देने के लिए उत्साहित करेगी। यह विलक्षण पहलकदमी पंजाब के तकनीकी स्टार्टअप को ग्लोबल आईसीटी नक्शे पर अपने पैर जमाने में मदद करेगी। ज़िक्रयोग्य है कि ईऐससी और एसटीपीआइ के यत्नों को इलैक्ट्रॉनिकस और आईटी मंत्रालय और वाणिज्य विभाग के द्वारा समर्थन प्राप्त है। ग्रांट थोर्नटन सम्मेलनों के लिए नॉलेज़ पार्टनर है।
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Gautam Jalandhari (Editor)