पंजाब कांग्रेस में आल ईज वैल नहीं दिख रहा है। एकता के कई दम भरने के बावजूद कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी के अंदर चल रही खानाजंगी बाहर आ जाती है। खासकर लुधियाना वेस्ट सीट के उपचुनाव के दौरान दिग्गजों में पोस्टर वार व खुद को बड़ा नेता साबित करने की होड़ मची हुई दिखाई दे रही है।
आशू के पोस्टर में वडिंग व रंधावा गायब
ताजा विवाद में लुधियाना वेस्ट से कांग्रेस कैंडिडेट भारत भूषण आशू के एक पोस्टर से उठा है। भाजपा के प्रवक्ता प्रितपाल सिंह बलीएवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में एक पोस्टर शेअर किया है जिसमें आशू के कैंपेन पोस्टर में राजा वडिंग व सुखजिंदर सिंह रंधावा की फोटो नदारद है। जिस पर विपक्ष को कांग्रेस पर निशाने साधने का मौका मिला है व सवाल खड़े किए जा रहे है। विपक्ष इस पोस्टर को लेकर सवाल तो आशू से कर रहा है लेकिन साथ ही पंजाब कांग्रेस प्रधान राजा वडिंग की चुप्पी पर तंज कस रहा है।
चन्नी-राणा गुरजीत बनाम वडिंग, बाजवा व रंधावा
पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी का हाल इस प्रकार है कि खुले तौर पर उपचुनाव के दौरान पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, राणा गुरजीत बनाम राजा वडिंग, प्रताप बाजवा व सुखजिंदर सिंह रंधावा गुट बने हुए दिखाई दे रहे है। लुधियाना में पार्टी कैंडिडेट के प्रचार के लिए सुखजिंदर सिंह रंधावा को जहां बुलाया ही नहीं गया, वही प्रताप सिंह बाजवा विदेश में है जबकि वडिंग का लुधियाना दौरान मीडिया से बातचीत तक ही सीमित दिखाई दे रहे है। लुधियाना में जिल प्रधान सहित वडिंग समर्थक आज भी आशू के चुनाव प्रचार से अपनी दूरी बनाए हुए है।
उपचुनाव के ऐलान से पहले से दिख रही थी राहें जुदा-जुदा
असल में पंजाब कांग्रेस में गुटबंदी का मामला नया नहीं है। राजा वडिंग व भारत भूषण आशू में छत्तीस का आंकड़ा जारी है। जबकि प्रताप बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, राणा गुरजीत सिंह भी अपने अपने ग्रुप बनाए हुए है। पिछले दिनों में इन नेताओं ने एक दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर भी नहीं छोड़ी। लुधियाना में भी जहां आशू ने अपने पोस्टरों में वडिंग को जगह नहीं दी वही वडिंग समर्थकों ने भी आशू को पोस्टरों से गायब रखा।
करण वडिंग व कमलजीत कड़वल की शूमलियत से बढ़ा मामला
असल में पिछले दिनों चन्नी आशू द्वारा कैंपेन के दौरान एमपी चुनाव में पार्टी छोड़ने वालों करण वडिंग व कमलजीत सिंह कड़वल को कांग्रेस में दोबारा ज्वाइन करवाया गया था। जिसके बाद वडिंग समर्थकों ने सवाल भी उठाये। इसके बाद वडिंग ग्रुप ने भी चन्नी विरोधी नेताओं को कांग्रेस में वापस जगह दिलाई। अब कांग्रेस में यह ग्रुप एक दूसरे को देखना भी पसंद नहीं कर रहे है।
कांग्रेस नेता नकार रहे गुटबंदी
हालांकि कांग्रेस के नेता मीडिया से बातचीत में किसी प्रकार की गुटबंदी से इंकार कर रहे है। लेकिन पोस्टरों में चुनिंदा दिग्गजों की फोटो गायब करने के सवालों को टाल रहे है। खुद राजा वडिंग ने भी मीडिया से बातचीत में यह कहा कि जरूरी नहीं कि हर नेता को स्टार कैंपेन लिस्ट में डाला जाये। कांग्रेस का हर नेता वर्कर जरूरी है तथा हम मिलकर यह चुनाव लड़ रहे है।
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Gautam Jalandhari (Editor)