अवैध ऑनलाइन फार्मेसी प्लेटफॉर्म से बोलियाँ (बिड्स) आमंत्रित करने का प्रस्ताव अनुचित
दवाओं के आनलाइन बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए केंद्र सरकार
पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधि और संगरूर केमिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष नरेश जिंदल व सचिव राजीव जैन ने रेल मंत्रालय की ओर से दवाओं के अवैध कारोबार को बढ़ावा दिए जाने पर सवाल खड़े किए हैं । दोनों प्रतिनिधियों ने कहा कि ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स , जो देशभर के 12.40 लाख से अधिक केमिस्टों का प्रतिनिधित्व करता है, और देश के फार्मास्युटिकल क्षेत्र की रीढ़ के रूप में कार्य करता है। ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स , के 65 लाख से अधिक सदस्य परिवार और अधीनस्थ सामूहिक रूप से 5 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। संस्था का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को दवाओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करना है, और इसके लिए सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अथक सेवा प्रदान कर रहे हैं। लेकिन यह जानकर गहरी निराशा हुई कि रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने उपभोक्ताओं के घर-घर दवाइयाँ पहुंचाने के लिए अवैध ऑनलाइन फार्मेसी प्लेटफॉर्म से बोलियाँ (बिड्स) आमंत्रित करने का प्रस्ताव दिया है।इस प्रस्ताव का एआईओसीडी के अध्यक्ष जे एस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने बक़ायदा क़ानून का हवाला देकर विरोध किया है ।
प्रतिनिधियों ने कहा कि इसके अलावा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने शपथ पत्र में स्पष्ट रूप से यह स्वीकार किया है कि भारत में वर्तमान में ऑनलाइन फार्मेसियों के लिए किसी भी प्रकार का प्रावधान ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 या उसके नियमों के तहत नहीं है। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के अनुसार, दवाओं का वितरण केवल लाइसेंस प्राप्त परिसर के भीतर ही किया जा सकता है। कोविड-19 महामारी के दौरान, सरकार ने असाधारण परिस्थितियों में कुछ शर्तों के तहत दवाओं की डोर-डिलीवरी की अनुमति दी थी, लेकिन यह अधिसूचना केवल स्थानीय और पंजीकृत फ़ार्मेसी पर लागू होती है, न कि किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर संस्था ने सरकार से इसकी अधिसूचना निरस्त करने की भी माँग की हैं। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 65 के तहत प्रिस्क्रिप्शन पर प्रिस्क्राइबर के हस्ताक्षर, विक्रेता का नाम और पते के साथ वितरण की तारीख का उल्लेख करना अनिवार्य है। यह शर्तें ऑनलाइन फार्मेसी प्लेटफॉर्म के संचालन को स्पष्ट रूप से अवैध बनाती हैं। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स ,
देश की जनता और फार्मास्युटिकल क्षेत्र के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। रेलटेल कॉरपोरेशन से अपील है कि वह इस अवैध प्रस्ताव को तुरंत वापस ले।
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Gautam Jalandhari (Editor)