सिद्धदाता सेवा सोसाइटी (रजि.) द्वारा चौदहवां गणेश महोत्सव भगवान गणेश जी
के मंदिर में शुरू हुआ जिसमें भगवान गणेश की एशिया की सबसे ऊँची और राजसी
मूर्ति है। मंदिर और पंडाल फूलों से सजाए गए थे, जो चित्त को आनंद प्रदान कर रहे
थे। इस उत्सव का उद्घाटन बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ किया गया ।
सिद्धदाता सेवा सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. राजेश रुद्रा जी, पंडित अजय वशिष्ठ, पंडित
विनोद, पंडित दविन्द्र शर्मा की देखरेख में मंत्रोच्चार और कर्मकांड के पूर्ण औचित्य के
साथ भगवान गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की गई। श्रीमती उषा रूद्रा, डॉ. शबद
रुद्रा, डॉ. विजेयता रूद्रा,श्री रवि कालरा एवं श्रीमती रश्मि कालरा, श्री डिप्टी कपूर,
श्रीमती सुमन कपूर , श्रीमती रीटा कपूर, श्री वेद भंडारी , श्री ताराचंद , श्री विजय
दानव ,श्री हरीष रुद्रा ,श्री अनिल खन्ना , श्री सुधीर शर्मा - पटवारी , श्री गौरव
शास्त्री , श्री चित्र राज हीर , श्री राणा , श्री वैभव गुलाटी इस अवसर पर उपस्थित
रहे।
पंडित अजय वशिष्ठ जी ने भगवान गणेश जी की पूजा के महत्व के बारे में उपदेश
दिया। पंडित जी ने सर्वप्रथम गणेश भगवान का ध्यान करने के लिए कहा एवं सनातन
संस्कृति के महत्व के बारे में बताया। इस अवसर पर संत गुरु श्री कृपाल सिंह जी
महाराज जी को भी पुष्प सुमन अर्पित किए गए । उन्होंने कहा कि भगवान श्री गणेश
जैसी जिसकी भावना होती है वैसा ही फल देते हैं ।उन्होंने माँ भगवती के नौ स्वरूपों
का भी ध्यान किया। नवग्रहों एवं माँ गौरी की पूजा- अर्चना भी की गई ।सभी देवताओं
का ध्यान करते हुए उनका आह्वान भी किया गया। उन्होंने कहा कि जो लोग भगवान
की पूजा में अपना समय व्यतीत करते हैं वे भाग्यशाली और धन्य हैं और गणपति जी
हमेशा अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। उन्होंने कहा कि भाग्यशाली वे हैं जो अपना
समय प्रभु की स्तुति में व्यतीत करते हैं। पूरा देश भगवान गणेश की पूजा करता है जो
भक्तों को बहुतायत से आशीर्वाद देते हैं।
सिद्धदाता सेवा सोसायटी (रजि.) के अध्यक्ष डॉ. राजेश रुद्रा ने भक्तों को संबोधित
करते हुए कहा कि जो लोग भगवान गणेश को गहरी श्रद्धा से प्रणाम करते हैं, उनको
आशीर्वाद भरपूर मिलता है। उनकी प्रार्थनाओं का हमेशा उत्तर दिया जाता है। उन्होंने
आगे कहा कि जो लोग सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा करते हैं, उनकी सभी
चिंताओं, तनावों, शारीरिक बीमारियों और बाधाओं को दूर किया जाता है। उन्होंने
भगवान से सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि नौ
दिवसीय गणेश उत्सव 7 सितंबर से 16 सितंबर तक उत्साह के साथ मनाया जाएगा
और गणपति विसर्जन 17 सितंबर, 2024 को दोपहर 12:00 बजे हवन पूजा के बाद
होगा। उन्होंने गणेश उत्सव के लिए सभी को आमंत्रित किया।
उपस्थित सदस्यों और अन्य भक्तों ने महा आरती की और सभी के बीच लड्डू
वितरित किए गए। मंदिर "गणपति बप्पा मौर्या" के जयघोष से गूँज उठा।
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Gautam Jalandhari (Editor)