प्रकाश सिंह बादल से फख्र कौम अवार्ड वापस, पार्टी व बागी दोनों दोषी, गले में तखतियां पहनकर करेंगे सुखबीर, ढींडसा व अन्य धार्मिक सेवा

Dec2,2024 | Gautam Jalandhari | Amritsar


शिरोमणि अकाली दल की वर्किंग कमेटी पार्टी नेताओं के इस्तीफे स्वीकार करके नई मैंबरशिप शुरू करके छह महीने में प्रधान का चुनाव करवाये

सुखबीर सिंह बादल ने अपने गुनाह कबूले, इंकारी होने पर चंदूमाजरा घिरे

 


श्री अकाल तख्त साहिब पर आज शिरोमणि अकाली दल के पूर्व प्रधान एवं पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल सहित लीडरशिप व अन्य नेताओं पर अपना फैसला सुनाया गया। 

जिसे सुनाते हुए सिंह साहिबान द्वारा सहमति लिए गए फैसले को सुनाते हुए ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सुखबीर सिंह व साथियों ने अपने  दोषों को कबूला है व भागीदारी भी कबूली है। इसलिए शिरोमणि अकाली दल की भर्ती शुरू की जाये। व चुनाव करवाए जाए।  वर्किंग कमेटी दो महीने के अंदर इस्तीफे प्रवान करके भेजें। पार्टी व बागी ग्रुप दोनों ही दागी है। इसलिए अपने अपने अलग गुट छोड़ कर शिरोमणि अकाली दल की मजबूती के लिए काम करें व बयान बाजी बंद करें। अंहकार छोड़े।

सिरसे वाले की माफी का गुनाह सुखबीर ने कबूला उस समय तत्काली सीएम प्रकाश सिंह बादल भी मौजूद थे, इसलिए प्रकाश सिंह बादल से फख्र ऐ कौम का अवार्ड वापस लिए जाता है। 

तत्काली जत्थेदार द्वारा दी गई जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।

सिंह साहिबान ने यह भी फैसला किया कि ज्ञानी गुरबचन सिंह से सभी सुविधाएं वापस ली जाए व ज्ञानी गुरमुख सिंह को अमृतसर से बाहर नियुक्त किया जाये।

 

एसजीपीसी से विज्ञापन करवाये गए  का पैसा बयाज सहित भरपाई सुखबीर बादल, दलजीत सिंह, बलविंदर सिंह भूंदर, सुच्चा सिंह आदि करेंगे।

इसके अलावा पौधे लगाएंगे व उनका पालन पोषण भी करेंगे।

हरविंदर सिंह सरना पूर्व एसजीपीसी डीएसजीपीसी की सिंह साहिबान पर विवादित टिप्पणी व इस पर पछतावा न करने पर सिंह साहिबान ने सरना को तनखैय़्या घोषित किया है। 

विरसा सिहं वल्टोहा द्वारा भी ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर बयानबाजी पर दोबारा ताड़ना की व कहा कि यदि अब भी टिप्पणियां बंद न की तो सखत एक्शन होगा।

 

 

सुखबीर सिंह बादल व सुखदेव सिंह ढींडसा सेवादारों  वाला चौला पहनकर गले में तखती पहनकर सेवा करें। दो दिन तखत केसगढ़ व अन्य  तखतों पर सेवा करें व बर्तन मांजे। कीर्तन सुनें। एक एक पाठ सुखमणि साहिब का करें।

 

जिन्होंने भागीदारी कबूली है उनको वाशरूम की सफाई की जिम्मेदारी दी व उसके बाद बर्तन मांजने व कीर्तन सुनने की सजा सुनाई। गले में तखती डाली जाये। 

बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह, सुरजीत सिंह, मजीठिया, चरणजीत सिंह, सोहन सिंह ठंडल  व अन्य भी बाथरूमां की सफाई करेंगे व पांच दिन नगर शहर के गुरूद्वारों साहिबान में बर्तन, पोचे की सेवा करें।

 

इससे पहले ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि सिहं साहिबान शिरोमण अकाली दल के खिलाफ नहीं है। श्री अकाल तखत साहिब सुप्रीम है दूसरे नंबर पर एसजीपीसी या कोई भी संस्थाएं है। सिख श्री अकाल तखत साहब पर विश्वास करता है तथा श्री गुरू ग्रंथ साहिब पर दृढ़ है। समूचे सिख अकाली है। आज हमारी संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। इसका कारण अनेकता है।  बड़े बड़े लोगों चाहे महाराजा या पद पर ही क्यों न रहे हो उन्होंने भूल मानी व उन्हें सजा भी मिली व माफी भी मिली है।  जो यहां पर निमाना होकर आता है व बखशनहार होता है। 

इससे पहले जत्थदेार हरप्रीत सिंह ने कहा कि सिहं साहिबान पर किसी ने दबाव नहीं डाला। इसके अलावा बहुत सारे कुप्रचार किये जो कि बिल्कुल बेबुनियाद है। पंथ के खिलाफ  शुरू से साजिशें होती आ रही है ताकि पंथ को कमजोर किया जा सके। लेकिन वह सफल नहीं हो सके। केंद्रीय एजेंसियों व डेरावाद भी इन साजिशों का हिस्सा बनी। अकाली दल की सरकारों ने भी इन साजिशों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया। यह बेहद अफसोस जनक है। श्री अकाल तखत साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि यह बेहद शर्म की बात है कि शिरोमणि अकाली दल कमजोर बना रहा । इस पूरे मामले पर हम पर किसी पर कोई दबाव नहीं डाला गया। इस मौके पर जत्थेदार ने सुखबीर सिंह बादल  को माइक देकर सब कुछ सच बोलने को कहा कि जो भी पूछा जाये सच बोला जाये। 

जत्थेदार रघबीर सिंह ने पहला सवाल पूछा कि अकाली सरकार में रहते हुए विवादित पंथक मुद्दों को विसारने के लिए गुनाह किया या नहीं। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बहुत गुनाह हुआ। दूसरा सवाल क्या जालिम अफसरों को तरक्की व टिकटें दी। सुखबीर ने इसका जवाब हां में दिया। तीसरा सवाल डेरा साध पर रहा जिसमें माफी व स्टेटमेंट क्लीन चिट बारे पूछा तो इसका जवाब में कहा कि सरकारों के दौरान बहुत भूल हुई। 

अपनी रिहायश पर जत्थेदारों को बुलाकर डेरा मुखी को माफी देने बारे कहा तो सुखबीर ने हां कहा। अगले सवाल में बेअदबी के दोषीयों के खिलाफ व इसके खिलाफ धरने मोर्चे पर चली गोली के दोषियों पर एक्शन न होने को भी सुखबीर ने गुनाह माना। सौदा साध को माफी को सही ठहराने बारे एसजीपीसी के जरिये गुरू की गोलक से विज्ञापन  देने पर पूछे सवाल को भी सुखबीर ने गुनाह के रूप के बारे में स्वीकार किया। 

डा. दलजीत सिंह चीमा से पूछा कि क्या डेरा सौदा साध की माफी पर संशोधन किया तो उन्होंने न किया। प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने भी अपने लगे दोषों के सवाल के जवाब में न कही। 

सुखदेव सिंह ढींडसा से पूछा कि जिन  दागी अफसरों को टिकटें व तरक्की मिली उसमें आपका गुनाह है या नहीं। तो ढींडसा बोले ने इसमें सहमति दी। परिमंदर ढींडसा ने कहा कि जानकारी जरूर थी पर मेरा रोल नहीं। सुरजीत सिंह ने इसी जवाब में कहा कि मुझे पता नहीं मैंने कोई सिफारिश नहीं की।

इसके बाद जत्थेदार ने दोषियों को एक तरफ खड़ा कर दिया। 

 


चंदूमाजरा डेरा मुखी को माफी के समर्थन के बयान पर इंकार करते रहे

 

जत्थेदार साहिबान ने चंदूमाजरा से कहा कि प्रेम सिंह चंदूमाजरा के अखबारों में बयान देकर माफी पर सहमति दी है तथा वह कसूरवार है तथा वह झूठ न बोले जिस पर चंदूमाजरा ने इस पर इंकार किया व कहा कि मेरा गलत बयान लगाया गया व मेरी अगले दिन इस मौखिक खंडन किया था तो जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने समाचार पत्र में चंदूमाजरा का बयान पढ़कर सुना दिया।  इसके बाद जत्थेदार रघबीर सिंह ने प्रेम सिंह चंदूमाजरा पर झूठ बोलने पर ताड़ना लगाई व कहा कि यदि वह सच्चे थे तो अपनी बातों का खंडन करते। चंदूमाजरा ने कहा कि यह मेरी गलती है कि मैंने अपने बयानों पर खंडन नहीं किया। बीबी जागीर कौर ने कहा कि हमारा सीधा इसमें कोई रोल नहीं रहा। बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि मेरे  मंत्री रहते हुए कैबिनेट में कोई एजेंडा नहीं आया। लेकिन मैंने आवाज बुलंद नहीं की तथा इसके लिए खिमा का याचक है। सरकार का हिस्सा होने के कारण हम खुद को गुनाहगार समझते है।

महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल ने कहा कि मैं सरकार के सामूहिक फैसलों पर अपनी गलती स्वीकार करता हूं। 

सिरसा वालों के बारे में  उनके घर में मीटिंगों बारे बलविंदर सिंह भूंदड ने इंकार कहा साथ ही कहा कि सरकार की गलतियों के सभी जिम्मेदार है। 

पूर्व कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में सारी कैबिनेट ने सांझे रूप से फैसले किए थे इसलिए हम सभी को एक लाइन में खड़ा किया जाये।

अपने घर में सिरसा वालों की मीटिंगों के बारे में भूंदड ने कहा कि यह पूरी तरह झूठ है।

 

 

 

हीरा सिंह गाबडियां ने कहा कि सरकार व पार्टी के फैसले सामूहिक होते थे तथा हम भी बराबर दोषी है। 

जनमेजा सिंह ने कहा कि कभी यह कैबिनेट के एजेंडा नहीं रहे। मैं शामिल नहीं था लेकिन सामूहिक जिम्मेदारी हमारी भी है।

 

अंतरिम कमेटी से भी हुए सवाल

सिरसे वालों का माफीनामा हुआ उसे सही  ठहराने के लिए विज्ञापन जारी हुआ तो उसका विरोध क्यों नहीं हुआ। जिसने लिखति व जुबानी विरोध किया व एक तरफ हो जाये। व क्या उसके बाद पद पर आनंद लेते रहे? व इसकी पुष्टी होने के हस्ताक्षर न करने व विरोध किया तो बताया जाये।

 

फैसला होने तक चलता रहा सतनाम वाहेगुरू का पाठ

जवाब तलबी के बाद सिंह साहिबान द्वारा एक दूसरे से विचार चर्चा की गई। इस दौरान संगत में सतनाम वाहेगुरू के पाठ चलते रहे।

 

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