मुख्यमंत्री ने ग्राम सुरक्षा कमेटियों को दिलाई शपथ, कमेटी सदस्यों को गांवों के रक्षक और पहरेदार बताया
पंजाब की जनता जल्द ही नशा बेचकर बनाए गए बड़े-बड़े महलों को ढहते देखेगी
किसी अन्य राज्य को एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं देंगे
सरकार ने भ्रष्टाचार पर भी किया कड़ा प्रहार, ए.आई. और पारदर्शिता से नया मॉडल बनाया
पंजाब को नशामुक्त बनाने के अभियान को और अधिक गति देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज जालंधर के पी.ए.पी. ग्राउंड में गांव सुरक्षा समितियों के सैकड़ों सदस्यों को उनके क्षेत्रों से नशे की इस बुराई को जड़ से खत्म करने की शपथ दिलाई। गांव सुरक्षा समितियों को शपथ दिलाते समय मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि 31 मई तक पंजाब नशामुक्त राज्य होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ पंजाब के कैबिनेट मंत्री एवं आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रधान अमन अरोड़ा, सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल भी उपस्थित थे।
पी.ए.पी. ग्राउंड में हजारों लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि जैसे देश की सेना युद्ध जीतने से पहले नक्शा तैयार करती है, उसी तरह पंजाब सरकार ने भी नशों के खिलाफ युद्ध जीतने के लिए मजबूत योजना तैयार की है। नक्शा बन जाने के बाद अब नशे के खिलाफ युद्ध योजनाबद्ध तरीके से शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी बड़ी इमारत के निर्माण से पहले उसका नक्शा जरूरी होता है, और जब नक्शा बन जाता है तो निर्माण में देर नहीं लगती। पंजाब सरकार ने नशा खत्म करने की योजना बना ली है और अब ‘रंगला पंजाब’ की नई इमारत खड़ी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नशे की लत खत्म करने के साथ-साथ पीड़ित युवाओं के पुनर्वास को लेकर भी गंभीर है। इसी कारण अब पंजाब के आउटरीच क्लीनिकों और नशा मुक्ति केंद्रों में बिस्तरों की क्षमता बढ़कर 5000 हो गई है। इन केंद्रों में आने वाले युवाओं को मुख्यधारा में लाने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की व्यवस्था भी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा तस्कर समाज के दुश्मन हैं जिन्होंने अपने महलों को खड़ा करने के लिए हमारे युवाओं को दलदल में धकेल दिया। उन्होंने कहा कि आम लोगों के घरों में चूल्हे ठंडे करके अपने घरों में रोशनी करने वाले तस्कर किसी भी सूरत में माफ नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बड़े तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त की जा रही हैं और इन्हें विधवा हुई महिलाओं, बेटों को खो चुकी माताओं और रक्षा बंधन की आस लगाए बैठी बहनों के दुखों का हिसाब देना होगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नशा तस्करी में शामिल कोई भी राजनीतिक नेता या व्यक्ति, चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा।
नशा तस्करों के घरों पर पीला पंजा चलाने की मुहिम की सफलता का जिक्र करते हुए
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि गांवों में नशा तस्कर पंचायतों के पास जाकर नशा बेचना छोड़ने की माफी मांग रहे हैं। बठिंडा जिले के एक गांव का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि एक नशा तस्कर के घर पर जेसीबी चलने के समय, अपने बेटे को नशे में खो चुकी एक महिला ने लड्डू बांटे और पुलिस पर फूल बरसाए, जो इस युद्ध की सफलता का संकेत है।
नशा मुक्ति मार्च में शामिल ग्राम और वार्ड सुरक्षा कमेटियों के सदस्यों से नशे के खिलाफ प्रहरी की भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि इन्हीं प्रहरियों की मदद से पंजाब को नशा मुक्त कर फिर से ‘रंगला पंजाब’ बनाया जाएगा।
पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति की चर्चा करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, मुफ्त इलाज और पुनर्वास के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण की उचित योजना बनाई है, ताकि पीड़ित लोग इस बुराई से मुक्ति पाकर समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।
मुख्यमंत्री ने ग्राम और वार्ड प्रहरियों को नशे के खिलाफ शपथ दिलाते हुए अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार का नशा न बिकने देने का संकल्प लेने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रहरियों को यह भी प्रण लेना होगा कि वे पीड़ितों को नशा छुड़वाने के लिए केंद्रों में ले जाएँगे, नशा तस्करों की ज़मानत नहीं देंगे और न ही किसी और को देने देंगे।
गांवों को नशा मुक्त बनाने के अभियान को जन समर्थन मिलने के लिए पंचायतों का आभार जताते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि हर दिन लगभग 200 पंचायतें नशे के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पूरी तरह नशा मुक्त होने वाली पंचायतों को विशेष अनुदान देकर मॉडल गांव बनाया जाएगा, ताकि अन्य गांव उनसे प्रेरणा ले सकें। उन्होंने इस अभियान में महिलाओं के योगदान की भी सराहना की।
केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के जल संसाधनों पर कब्ज़ा करने के प्रयासों का कड़ा विरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए पूरी मजबूती से संघर्ष किया है, जिसके चलते किसी को भी एक बूंद अतिरिक्त पानी नहीं मिल सका। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें गुपचुप तरीके से पड़ोसी राज्यों को अतिरिक्त पानी दे देती थीं, पर हमने इस परंपरा का डटकर विरोध किया क्योंकि पानी हमारी जीवनरेखा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दशकों से बंद पड़ी खालों और कच्चे नहरों को फिर से पुनर्जीवित कर लिया गया है, जिससे अब हमारे राज्य में खेती के लिए नहरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति बढ़ गई है। भावुक होते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे पंजाब के हितों की रक्षा के लिए कोई भी बलिदान देने से पीछे नहीं हटेंगे।
धान की बुवाई को 1 जून से शुरू करने के निर्णय का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार बुवाई की तारीख को आगे इसलिए किया गया है ताकि अक्तूबर में नमी की समस्या से बचा जा सके, क्योंकि ज्यादा नमी होने पर किसानों को अपनी फसल बेचने में बहुत दिक्कत आती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के रोड नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 19000 किलोमीटर लिंक सड़कों का प्रोजेक्ट शुरू कर दिया गया है, जिस पर 3500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से 1200 किलोमीटर ऐसी सड़कों की पहचान की गई है जो केवल कागज़ों पर थीं, जिससे 250 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
सड़क सुरक्षा बल को ‘मानवता के रक्षक’ बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एस.एस.एफ. के गठन से एक साल में सड़क हादसों में मौतों की संख्या में 49 प्रतिशत की कमी आई है। इसके अलावा सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को 5 करोड़ रुपये की नकदी और अन्य कीमती सामान भी उनके घरों तक पहुँचाया गया है।
भ्रष्टाचार विरुद्ध मुहिम पर चर्चा करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि सरकारी दफ्तरों में पारदर्शिता लाने के लिए कठोर कदम उठाए गए हैं । अब रजिस्ट्रियां उर्दू में नहीं बल्कि पंजाबी में सरल लिखी जा रही हैं और तहसीलदारो को दूरदराज इलाकों में तब्दील कर के सरकार ने भ्रष्टाचार के पुराने तंत्र को तोड़ने का प्रयास किया है। कुछ पुरानी घटनाओं का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कोई भी चंडीगढ में काम करवाने के नाम पर मासूम लोगों को धोखा नहीं दे सकता ।सरकार जनता से सीधे संपर्क कर पूरी तरह पारदर्शी ढंग से कार्य करने पर जोर दे रही है।
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Gautam Jalandhari (Editor)