• 497 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र • योग्य युवाओं को छोड़कर नौकरियों में भेदभाव के लिए विरोधियों की आलोचना की • पहले नौकरियां सिर्फ सत्ताधारी पार्टी के करीबी लोगों के लिए ही आरक्षित थी चंडीगढ़, 19 फरवरी मिशन रोजगार जारी रखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को 497 युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के लगभग तीन सालों के भीतर 50,892 परिवारों के जीवन को रोशन कर एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। मुख्यमंत्री ने आज जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा और भाषाएं, ग्रामीण विकास, और विज्ञान, तकनीक और पर्यावरण विभाग में भर्ती हुए युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। यहां म्यूनिसिपल भवन में एकत्रित हुए लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक यादगार अवसर है, जब ये युवा पंजाब सरकार के परिवार का हिस्सा बन रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये युवा इन संबंधित विभागों में शामिल होकर राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदार बनेंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार किसी भी सरकार ने सत्ता में आने के 35 महीनों के भीतर युवाओं को रिकॉर्ड 50,892 नौकरियां दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनके लिए बहुत गर्व की बात है कि सभी नौकरियां बिना किसी भ्रष्टाचार या भाई-भतीजावाद के पूरी तरह से योग्यता के आधार पर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां नौकरियों के बारे में सिर्फ इसलिए शोर मचाती हैं क्योंकि वे भेदभाव के आदि थे और उनकी नजर इन योग्य युवाओं पर कभी नहीं पड़ी। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कभी भी योग्य युवाओं को एक भी नौकरी नहीं दी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछली सरकारों के समय जो थोड़ी बहुत नौकरियां दी गईं, वे सिर्फ नजदीकियों या करीबी रिश्तेदारों के लिए आरक्षित थी, जबकि आम आदमी को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी विभाग में खाली होते ही सभी पद भर देती है। उन्होंने कहा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया के लिए एक ठोस विधि अपनाई गई है, जिसके कारण इन लगभग 50,000 नौकरियों में से एक भी नियुक्ति को अब तक किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह पंजाब सरकार के लिए गर्व की बात है कि इन युवाओं को पूरी तरह से योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमेरिका से युवाओं को डिपोर्ट करने की घटना हम सभी के लिए एक बड़ा सबक है और राज्य के युवाओं को बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश जाने के बजाय यहां ही कड़ी मेहनत करनी चाहिए और विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल करने के लिए कई अवसर प्रदान कर रही है। एक उदाहरण देते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य में 51,000 से अधिक युवाओं ने कड़ी मेहनत, लगन और प्रतिबद्धता के साथ सरकारी नौकरियां प्राप्त की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी भी मिसालें हैं, जहां पिछले एक साल के दौरान राज्य में युवाओं को दो से तीन नौकरियां मिली हैं। उन्होंने कहा कि इसके कारण प्रवास की प्रवृत्ति में कमी आई है क्योंकि जो युवा पहले विदेशों में बस गए थे, वे अब सरकारी नौकरियां प्राप्त करने के लिए लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में भी एक दंपति कनाडा से सरकारी सेवा में शामिल होने के लिए वापस आया है और इसी तरह एक युवा ने विदेश जाने का विचार छोड़ दिया क्योंकि उसे यहां नौकरी मिल गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार रोजाना युवाओं को नौकरियां दे रही है और युवाओं को इस स्थिति का लाभ उठाकर यहां काम करना चाहिए। इसको एक ऐतिहासिक मोड़ बताते हुए मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि ये नौकरियां युवाओं की किस्मत बदल देंगी। उन्होंने कहा कि यह ऑडिटोरियम ऐसे कई कार्यक्रमों का गवाह रहा है, जिनमें युवाओं को विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियां मिली हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह राज्य सरकार की युवाओं की भलाई सुनिश्चित करने और उनके लिए रोजगार के नए रास्ते खोलने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। युवाओं को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब वे सरकार का अभिन्न अंग बन गए हैं और अब उन्हें मिशनरी जोश के साथ लोगों की सेवा करनी चाहिए। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि नए भर्ती हुए युवा अपनी कलम का इस्तेमाल समाज के जरूरतमंद और पिछड़े वर्गों की भलाई के लिए करेंगे। उन्होंने कहा कि नए भर्ती हुए युवाओं को जनता की अधिक से अधिक भलाई सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि समाज के हर वर्ग को इसका लाभ मिल सके। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने युवाओं और गणमान्यों का स्वागत किया। इस मौके पर अन्यों के अलावा कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस और तरुणप्रीत सिंह सौंद, शिक्षा विभाग के सचिव के.के. यादव, पर्यावरण विभाग के सचिव प्रियांक भारती और अन्य भी मौजूद थे।
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Gautam Jalandhari (Editor)