लुधियाना से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने राज्यसभा के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान उठाए गए सवालों के माध्यम से ग्लोबल एनवायरनमेंट, सोशल एंड गवर्नेंस (ईएसजी) मानकों के प्रभाव के प्रति अपनी चिंता प्रदर्शित की है। उन्होंने देश के कोयला उद्योग पर ईएसजी मानकों के प्रभाव और कोयला कंपनियों द्वारा इन अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी ली। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह जानकारी मांगी कि सरकार कोयला उत्पादन में अधिक टिकाऊ और सामाजिक रूप से जिम्मेदार प्रथाओं को अपनाने के लिए निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय हितधारकों के दबाव से कैसे निपट रही है।
बुधवार को यहां एक बयान में, अरोड़ा ने कहा कि कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने अपने जवाब में उल्लेख किया है कि ईएसजी मानक कार्बन उत्सर्जन को कम करने, अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरण क्षरण को कम करने और शासन प्रभावों पर जोर देते हैं। कोयला उद्योग के लिए, इसका मतलब है पर्यावरण मानदंडों का अनुपालन करना, अपने कार्बन पदचिह्न को कम करने के लिए स्वच्छ तकनीकों और प्रथाओं को अपनाना।
ईएसजी मानक व्यवसाय संचालन के सामाजिक पहलुओं को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जैसे कि निष्पक्ष श्रम प्रथाओं, सामुदायिक जुड़ाव और स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना। कोयला कंपनियां अब स्थानीय समुदायों और श्रमिकों पर अपने प्रभाव के लिए अधिक जवाबदेह हैं।
ईएसजी मानकों के तहत शासन प्रथाएँ महत्वपूर्ण हैं। इसमें संचालन में पारदर्शिता, नैतिक व्यावसायिक प्रथाएँ और मजबूत जोखिम प्रबंधन शामिल हैं। कंपनियों को अपने ईएसजी प्रदर्शन का खुलासा करना आवश्यक है, जिससे हितधारकों के बीच जवाबदेही और विश्वास बढ़ता है।
मंत्री ने आगे उत्तर दिया कि कोयला मंत्रालय के तहत पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंगज़ (पीएसयू) ईएसजी मानकों के अनुसार टिकाऊ और सामाजिक जिम्मेदार प्रथाओं को अपना रहे हैं। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने अपने वित्तीय परिणामों को ईएसजी प्रदर्शन से जोड़ने के लिए व्यापक बिज़नेस रिस्पांसिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट्स (बीआरएसआर) प्रकाशित की हैं।
सफल बोलीदाता और नॉमिनेटेड अथॉरिटी के बीच कमर्शियल माइनिंग के लिए एक्सेक्यूटेड कोल ब्लॉक डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन एग्रीमेंट (सीबीडीपीए) के खंड 11.5 में यह अनिवार्य किया गया है कि सफल बोलीदाता आधुनिक और प्रचलित प्रौद्योगिकियों के अनुरूप कोयला खदान में मशीनीकृत कोयला निष्कर्षण, परिवहन और निकासी को लागू करेगा। इसके अलावा, सफल बोलीदाता कोयला खदान में परिचालन से कार्बन फुटप्रिंट को कम करने, पर्यावरण प्रदूषण को कम करने और अच्छे उद्योग अभ्यास के अनुसार स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने का प्रयास करेगा।
इसके अलावा, मंत्री ने अपने उत्तर में, बीआरएसआर के माध्यम से ईएसजी को अपनाने के अनुपालन प्रकटीकरण को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। इन कदमों के तहत, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (एसइबीआई) ने शीर्ष 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों को बीआरएसआर के माध्यम से अपने ईएसजी प्रदर्शन का खुलासा करने का आदेश दिया है। यह ग्लोबल रिपोर्टिंग इनिशिएटिव (जीआरआई) और सस्टेनेबिलिटी एकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड (एसएएसबी) जैसे वैश्विक मानकों के अनुरूप है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बीआरएसआर को सीआईएल की वार्षिक रिपोर्ट के हिस्से के रूप में तैयार और प्रकाशित किया गया था। यह एक सार्वजनिक दस्तावेज है और इसे एनएसई और बीएसई में भी दाखिल किया जाता है।
इसके अलावा, इन कदमों में कुछ पर्यावरण संबंधी पहल जैसे वनीकरण और हरित आवरण, जल प्रबंधन, स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों के माध्यम से उत्सर्जन में कमी, ओवरबर्डन का वैकल्पिक उपयोग, खनन में विस्फोट-मुक्त प्रौद्योगिकी की तैनाती, ऊर्जा दक्षता उपाय, ई-वाहनों की तैनाती, इको-पार्कों का विकास, समुदाय को खदान जल आपूर्ति, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना और स्वच्छ कोयला पहल शामिल हैं। इसके अलावा, इन कदमों में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के माध्यम से सामाजिक पहल और पारदर्शिता और जवाबदेही के माध्यम से शासन पहल शामिल हैं।
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