पंथ के नाम पर वोट मांगने वालों ने संसद में कभी पंजाब की बात नहीं की - मुख्यमंत्री
हमें अमन-कानून का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा पहले अपने गिरेबान में झांके
मजबूरी की बजाय अपनी मर्जी से शिक्षा और इलाज हासिल कर सकेंगे पंजाबी
जालंधर पश्चिम के उपचुनाव में भारी हार के बाद राजनीतिक मैदान से 'गायब' हो गए बाजवा और जाखड़*
बाबा बकाला, 19 अगस्त:
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज शिरोमणि अकाली दल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पंथ के नाम पर वोट मांगने वाली इस पार्टी ने कभी भी संसद में पंजाब के मुद्दों पर आवाज नहीं उठाई। रखड़ पुण्या के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के दौरान एक बड़े जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि पंथ के नाम पर सत्ता का सुख भोगने वाले नेता संसद में पंजाब के मुद्दों पर मूक दर्शक बने रहे।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने 26 दिसंबर, 2018 को लोकसभा सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों को उनकी शहादत के दिन पर श्रद्धांजलि देने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि लोक सभा स्पीकर उनकी अपील से सहमत होते हुए संसद के इतिहास में पहली बार सम्मान के तौर पर साहिबजादों को श्रद्धांजलि भेंट की, जिन्होंने अत्याचार व बेइंसाफी के आगे हार नहीं मानी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस बात पर हैरानी होती है कि अकाली दल ने कभी भी साहिबजादों को संसद सम्मान भेंट करने के लिए कोई निवेदन तक नहीं किया, जबकि यह पार्टी खुद को पंथप्रस्त और पंजाबप्रस्त होने का दावा करती है। पंजाब के मुद्दों के बारे में उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है?
पंजाब को अमन-कानून की व्यवस्था का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा को किसी पर अंगुली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश व हरियाणा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों को राम नवमी जैसे त्योहारों के मौके पर कर्फ़्यू लगाने पड़ते है, जो कि वहां कि बदतर अमन-कानून की जीती जागती मिसाल है। उन्होंने भाजपा को हरियाणा के नूह इलाके में लगे कर्फ्यू को भी याद करवाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा वाले मुझे अमन-कानून की नसीहत देते हैं। मैं यह बात बड़े गर्व के साथ कह सकता हूं कि पंजाब में सभी धर्मों के त्योहार आपसी सौहार्द के साथ मनाए जाते हैं। मेरे कार्यकाल के दौरान यहां एक भी दिन कर्फ्यू नहीं लगा क्योंकि हमारी धरती गुरुओं और शहीदों की धरती है, जिसके कारण पंजाबियों को दुनिया भर में आपसी प्रेम और भाईचारे के लिए जाना जाता है।
जालंधर पश्चिम उपचुनाव में बुरी तरह हारने के बाद राजनीतिक गुमनामी में चले गए विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस चुनाव के बाद विपक्षी नेता प्रताप सिंह बाजवा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को ऐसा बड़ा झटका लगा है कि वे राजनीतिक क्षेत्र से 'गायब' ही हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने इन नेताओं को साफ तौर पर बता दिया है कि अब राजनीति में परिवारवाद के लिए कोई जगह नहीं है, बल्कि आम लोगों की आवाज उठाने वाले नेता ही सत्ता के शिखर तक पहुंच सकते हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में मजबूरी को मर्जी में बदलने का वादा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह लोगों की मर्जी होगी कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं या निजी स्कूलों में, लेकिन पढ़ाई का स्तर बराबर होगा परंतु फर्क सिर्फ इतना होगा कि सरकारी स्कूलों में कोई फीस नहीं ली जाएगी। इसी तरह सरकारी अस्पतालों में निजी अस्पतालों के बराबर मुफ्त इलाज मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पंजाब को बुलंदियों पर देखना चाहते हैं, जिसके लिए वे बड़े प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए पंजाब सरकार ने राज्य भर में 842 आम आदमी क्लीनिक स्थापित किए हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई क्रांति की नींव रखी है। उन्होंने कहा कि अब तक 2 करोड़ से अधिक लोग इन क्लीनिकों का लाभ उठा चुके हैं और इन क्लीनिकों में आने वाले 95% मरीज अपनी बीमारियों से छुटकारा पा चुके हैं। उन्होंने कहा कि 30 अन्य ऐसे क्लीनिक स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे लोगों को उनके घरों के नजदीक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं हासिल होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में लोगों को मुफ्त बिजली देने की सुविधा शुरू की गई थी और इस समय 90 प्रतिशत घरों को मुफ्त बिजली मिल रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह और भी संतोषजनक बात है कि घरेलू बिजली के साथ-साथ खेतों को भी निर्बाध मुफ्त बिजली प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने केवल 880 दिनों के कार्यकाल में राज्य के 44700 युवाओं को सरकारी नौकरियां देकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जिससे पिछले ढाई सालों में औसतन रोजाना 51 युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं। उन्होंने कहा कि समूची भर्ती पूरी तरह मेरिट के आधार पर पारदर्शी तरीके से की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों और मंशा में युवाओं का विश्वास बढ़ा है, जिसके कारण वे विदेश जाने का इरादा छोड़कर यहां रहकर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने देशभर में अपनी तरह का पहला समर्पित सड़क सुरक्षा बल स्थापित किया है, ताकि राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाले सड़क हादसों में होने वाली कीमती जानों को बचाया जा सके और सुरक्षा बढ़ाई जा सके। उन्होंने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि 1 फरवरी को शुरू किए गए इस बल ने पिछले साल की तुलना में सड़क हादसों में 1200 से अधिक कीमती जानें बचाई हैं।
महिलाओं को रक्षाबंधन के पवित्र त्योहार की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के अधिक अधिकारों के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समानता के सिद्धांत को लागू करने का प्रयास किया है और इस समय राज्य के छह जिलों में वरिष्ठ पुलिस कप्तान के रूप में महिला अधिकारी तैनात हैं और आठ जिलों में महिला डिप्टी कमिश्नर हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों को पहली बार अग्निशमन दल में भर्ती किया जाएगा और ऐसा कदम उठाने वाला पंजाब पहला राज्य होगा।
केंद्र की ओर से रोके गए फंडों पर सख्त ऐतराज जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब केंद्र से कोई भीख नहीं मांगता, बल्कि अपना हक मांगता है। उन्होंने कहा कि हम जीएसटी इकट्ठा करके केंद्र के पास जमा कराते हैं और उसमें से अपना हिस्सा मांगते हैं, इसलिए केंद्र हमारे ऊपर कोई एहसान नहीं करता।
रखड़ पुण्या के मौके पर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक गुरुद्वारा नौवें पातशाह जी में नतमस्तक होकर 'सरबत के भले' की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बकाला की ऐतिहासिक और पवित्र धरती पर नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी ने लंबा समय भक्ति में बिताया। उन्होंने कहा कि महान सिख गुरु साहिबानों ने लोगों को अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा दी है, जिसके कारण पंजाबियों ने हमेशा ही बुराइयों के खिलाफ लड़ाई में देश का नेतृत्व किया है।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भी पंजाबियों का अहम स्थान है और हमें उनकी बहादुरी और अद्वितीय योगदान पर गर्व है।
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Gautam Jalandhari (Editor)