मानवाधिकार के मुद्दे पर एक राय बनाने के लिए नेशनल ह्यूमन राइटस कौंसिल (एनजीओ नई दिल्ली) व चाइना ह्यूमन राइट्स सोसाइटी बीङ्क्षजग द्वारा एक मीटिंग के दौरान मानवाधिकारों के बारे में दोनों देशों की सरकारों के प्रति किए जा रहे दुष्प्रचार बारे विचार विमर्श किया गया। जिसमें एक्सपर्टस व स्कालर्स द्वारा भाग लिया गया। इस मीटिंग में मिस्टर जियांग जिंयागयू एगजीक्यूटिव उपाध्यक्ष चाइना सोसाइटी फार ह्यूमन राइट्स स्टड्ीज, मिस्टर शेन योंगशीआंग उपाध्यक्ष, मिस्टर टैंग सचिव जनरल, मिज्ञटी ली डिप्टी सचिव जनरल, मिस्टर वांग एगजीक्यूटिव कौंसिल मैंबर शामिल हुए। जबकि नेशनल ह्यूमन राइट्स कौंसिल (एनजीओ नई दिल्ली) के चेयरमैन डा. प्रवीण गुप्ता व सचिव जनरल डा. अशीष गुप्ता शामिल हुए। इस अवसर पर दोनों पक्षों ने एक मत से मानवाधिकार मुद्दे पर एक राय बनाने के लिए और अधिक ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया। जिसमें विचार विमर्श जारी रखने के तहत आन लाइन व आफ लाइन मीटिंगे करने पर सहमति बनी। इस अवसर पर मिस्टर जियांग जिंयागयू एगजीक्यूटिव उपाध्यक्ष चाइना सोसाइटी फार ह्यूमन राइट्स स्टड्ीज ने कहा कि चीन व भारत विश्व का सबसे बड़ी ताकत बनकर उभर रहे है तथा दोनों ही पडोसी देशों का एक लंबा इतिहास है। भारत ने मुश्किल के समय मेें चीन में मेडीकल टीम भेजकर चीन के लोगों की मदद की। जिसमें विशेष रूप से डा. डीएन कोटनीस के नाम का उल्लेख करना गौरवपूर्ण विषय है। जिस प्रकार से दोनों देशों में मानवाधिकारों के प्रति पश्चिम ताकतों की ओर से गलत प्रचार किया जा रहा है। उससे निपटने की जरूरत है। आज दोनों देशों की सरकारेें अपने अपने स्तर पर अपने देश में न केवल चौतरफा विकास व नागरिकों के कल्याण के लिए काम कर रही है बल्कि अपने कामों के जरिये विश्व में नेतृत्व की भूमिका में है। लेकिन अपने स्वार्थ सिद्धी के लिए जानबूझकर इसे अनदेखा करके कुछ और ही छवि पेश करके दुनिया में कुप्रचारित करने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे डटकर मुकाबला करने की जरूरत है। इसी प्रकार चाइना सोसाइटी फार ह्यूमन राइट्स स्टड्ीज के अन्य वक्ताओं ने भी विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला व कहा कि दोनों ही देशों की सरकारों से इस कुप्रचार के प्रति ठोस प्रयास करने होंगे। इसमें आम लोगों व संस्थाओं की भागीदारी भी अत्यंत जरूरी है। नेशनल ह्यूमन राइट्स कौंसिल (एनजीओ नई दिल्ली) के चेयरमैन डाा. प्रवीण गुप्ता ने कहा कि भारत व चीन मानवाधिकार के मुद्देपर लगभग एक जैॅसे चैलेंजिस का सामना कर रहे है। जिस प्रकार से एमेनस्टी इंटरनेशनल जैसे संस्थाएं व पश्चिमी ताकतें कुप्रचार कर रही है जिसे दोनों तरफ से गंभीरता े निपटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी ताकतें व एमेनसटी इंटरनेशनल जैसी संस्थाएं भारत व चीन में मानवाधिकारों प्रति एक तरफा छावि बना रही है। भारत व चीन दोनों विकास शील देश है व जनसंख्या के मामले में भी आगे है। दोनों ही देशों की सरकारों गरीबी, अनपढ़ता व बुनियादी जरूरतों को पूरा करने जैसे मुद्दों पर अग्रणी होकर काम कर रही है। डा. अशीष गुप्ता ने कहा कि दोनों ही देशों को पश्चिमी ताकतों से मुकाबला करने के लिए और ठोस कदम उठाने की जरूरत है तथा इस पर काम कर रहे लोग व संस्थाओं को अधिक गंभीरता से एक दूसरे के साथ विचार विमर्श करें ताकि कुप्रचार को हराया जा सके।
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Gautam Jalandhari (Editor)