पंजाब को पहले ही ब्रॉन्ज़ कैटागरी सर्टीफिकेशन मिली, साल 2022-23 के दौरान सिल्वर कैटागरी हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा मगसीपा में दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन
---2025 तक टीबी के ख़ात्मे के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने आज कहा कि पंजाब के आठ जिलों को पहले ही ब्रॉन्ज़ कैटागरी की सर्टीफिकेशन मिल चुकी है और विभाग ने आने वाले साल में पाँच और जिलों को सिलवर कैटागरी और तीन जिलों को ब्रॉन्ज़ कैटागरी में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
यह जानेकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि साल 2022-23 के लिए विभाग ने 70,000 मरीजों की पहचान करके ईलाज का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा टीबी के नए मामलों में 80 प्रतिशत से अधिक की कमी लाकर टीबी के ख़ात्मे के उद्देश्य से मगसीपा चंडीगढ़ में दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस वर्कशॉप का आयोजन स्वास्थ्य एं परिवार कल्याण मंत्रालय और नेशनल टीबी ऐलीमीनेशन प्रोग्राम (एनटीईपी) द्वारा हितधारकों, प्राईवेट सैक्टर, मरीजों और कम्यूनटीज़ के साथ सक्रियता से सहयोग के ज़रिये टीबी के अधिक से अधिक मामलों का पता लगाने, जांच और ईलाज के लिए देश व्यापक प्रयासों के हिस्से के तौर पर किया गया है।
स. जौड़ामाजरा ने आगे बताया कि विभाग द्वारा हाल ही में राज्य के 40 के करीब व्यापारिक घरानों की राज्य स्तरीय मीटिंग करके उनको अपने आप को निक्षय मित्र के तौर पर दर्ज करने की अपील की गई है। उन्होंने डी.टी.ओज को हिदायत की कि वह उनसे संपर्क करें और इसको अगले स्तर तक ले जाएँ। उन्होंने दोहराया कि टीबी के ख़ात्मे का लक्ष्य चाहे बड़ा और कठिन लगता है परन्तु सामुहिक यत्नों से इसको हासिल किया जायेगा।
वर्कशॉप सम्बन्धी जानकारी देते हुए मिशन डायरैक्टर नेशनल हैल्थ मिशन अभिनव त्रिखा ने बताया कि इस वर्कशॉप में राज्य और जि़ला स्वास्थ्य अधिकारियों, आई.ए.पी.एस.एम. के फेकल्टी मैंबर कम नोडल अफसरों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि इस वर्कशॉप के दौरान अधिकारियों को टी.बी के ख़ात्मे के निश्चित लक्ष्य को निर्धारित समय-सीमा के अंदर प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने के निर्देश दिए गए और टी.बी. के मामलों में कमी लाने के लिए यत्न करने के लिए आठ जिलों फतेहगढ़ साहिब, शहीद भगत सिंह नगर, कपूरथला, फरीदकोट, फिऱोज़पुर, मोगा, रूपनगर और तरन तारन के स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशंसा पत्र दिए गए। उन्होंने कहा कि विभाग ने एनटीईपी को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए हितधारकों से फीडबैक प्राप्त करने के अलावा जि़ला टीबी अधिकारियों को उनकी समस्याएँ हल करने का आश्वासन दिया है।
एनटीईपी संबंधी विवरण देते हुए डायरैक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. रणजीत सिंह घोतड़ा ने बताया कि यह प्रोग्राम सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र में टीबी के सभी नोटीफाईड मरीजों को मुफ़्त जांच सेवाएं और मुफ़्त ईलाज प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह प्रोग्राम डीबीटी के द्वारा निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत पोषण सम्बन्धी सहायता के लिए सभी मरीजों को प्रति माह 500 रुपए भी प्रदान करता है।
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Gautam Jalandhari (Editor)