सरकार को नियमित निरीक्षण और चैकिंग के द्वारा 250 करोड़ रुपए से अधिक की प्राप्तियाँ : हरपाल चीमा** डिजिटल डाटा के बेहतर विश्लेषण के लिए टी. आई. यू द्वारा जी. एस. टी. एन प्लेटफार्म की निगरानी की जायेगी : चीमा** टी. आई. यू को पेशेवर तौर पर समर्थ बनाने के लिए विशेष डाटा विश्लेषक, कानूनी माहिर, साईबर माहिर, सिस्टम मैनेजर किये जा रहे हैं भर्ती** कराधान विभाग की तरफ से वास्तविक करदाताओं के मार्गदर्शन और सुविधा के लिए आरंभ की गई बहुत सी गतिविधियां : चीमा** चंडीगढ़, 8 नवंबर ** पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से डिजिटल डाटा के बेहतर विश्लेषण के लिए जी. एस. टी. एन प्लेटफार्म की निगरानी करने के लिए राज्य के जीएसटी कमिशनरेट में एक नया टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट (टी. आई. यू) स्थापित किया गया है। यह प्रगटावा करते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि रजिस्टर्ड करदाताओं की सभी सेवाएं और रिटरन जी. एस. टी. एन प्लेटफार्म पर डिजिटल मोड में उपलब्ध हैं और इसके साथ बहुत सारा डाटा तैयार हो रहा है, जिसको मद्देनज़र रखते हुये राज्य सरकार ने टीआईयू की स्थापना करने का फ़ैसला किया। उन्होंने कहा कि यह टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट (टी. आई. यू.) सीधे तौर पर कर कमिश्नर के नियंत्रण अधीन काम करेगा और अतिरिक्त कमिश्नर (इनफोरसमैंट) और डायरैक्टर (इन्वेस्टिगेशन) रोज़ाना के कामकाज के लिए इसको निंयत्रित करेंगे। स. चीमा ने कहा कि एक सहायक कमिश्नर स्टेट टैक्स, तीन राज्य टैक्स अधिकारी, और छह टैक्स इंस्पेक्टर टी. आई. यू में पूरा समय काम करेंगे और इसको पेशेवर तौर पर समर्थ बनाने के लिए विशेष डाटा विश्लेषक, कानूनी माहिर, साईबर माहिर और सिस्टम मैनेजर भर्ती किये जा रहे हैं। स. चीमा ने आगे बताया कि टैक्सटेशन दफ़्तर, पटियाला में सभी नयी तकनीकों और डाटा विश्लेषण विधियों से लैस राज्य स्तरीय सुविधा स्थापित की जायेगी। उन्होंने कहा कि जी. एस. टी पोर्टल, ई-वे बिल पोर्टल, और एन. एच. ए. आई. के टोल डेटा द्वारा तैयार किये जा रहे डाटा के विश्लेषण के लिए इस फैसलिटी को नवीनतम हार्डवेयर, सॉफ्ट्वेयर और आर्टीफिशल इंटेलिजेंस टूलज के साथ लैस किया जायेगा। स. चीमा ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य टैक्स चोरी करने वालों, जाली बिलिंग कारोबार में शामिल व्यक्तियों, जाली इन्पुट टैक्स क्रेडिट इकट्ठा करने आदि की पहचान करने और उन पर सख़्त कार्यवाही करने पर ज़ोर देना होगा। राज्य के राजस्व में सुधार के लिए भावी योजनाओं और कार्यवाहियों का खुलासा करते हुए, स. चीमा ने कहा कि राज्य सरकार राज्य जी. एस. टी के सभी मोबाइल विंगो को स्टेट प्रीवेन्शन एंड इंटेलिजेंस यूनिट (एस. आई. पी. यू) में बदलने के लिए विभाग के प्रस्ताव पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एस. आई. पी. यू. की राज्य के अलग- अलग हिस्सों में 9 अलग- अलग फील्ड यूनिटें होंगी और टैक्सटेशन दफ़्तर, पटियाला में एक केंद्रीय यूनिट होगी। यह यूनिट विशेष तौर पर आई. टी. यू के साथ तालमेल में काम करेंगी जिससे बड़े टैक्स चोरों के खि़लाफ़ उचित कार्यवाही की जा सके। वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने एन. आई. सी द्वारा बनाऐ गए नवीनतम डेटा विश्लेषण टूल जी. एस. टी प्राइम की सेवाओं का प्रयोग करने का भी फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा कि जी. एस. टी प्राइम अलग-अलग मापदण्डों पर विशेष डेटा विश्लेषण रिपोर्टें बनाने में मदद करेगा और इन रिपोर्टों के अनुसार सख़्त कार्यवाही शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा कि विभाग ने वास्तविक करदाताओं को मार्गदर्शन और सुविधा देने के लिए बहुत सी गतिविधियां भी की हैं जिससे वह अपना कारोबार बढ़िया तरीके से कर सकें। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार की राज्य की वित्तीय हालत में सुधार के लिए वचनबद्धता को दोहराते हुये स. चीमा ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक नियमित निरीक्षण, डाटा माइनिंग और चैकिंग के द्वारा 250 करोड़ से अधिक का राजस्व इक्ट्ठा किया, जबकि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान विभाग को पिछले दो सालों में सिर्फ़ 600 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि पिछली सरकार ने राज्य के वित्त को सुधारने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया और केंद्र सरकार की तरफ से दिए जा रहे जीएसटी मुआवज़े पर ही निर्भर रही।
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Gautam Jalandhari (Editor)