- किसान संगठनों में छिपे आप, कांग्रेस और अकाली दल के वर्कर दे सकते हैं अप्रिय घटना को अंजाम - भाजपा प्रधान ने कहा, पंजाब में पार्टी के प्रत्याशियों को नहीं करने दिया जा रहा है प्रचार चंडीगढ़, 11 मई: पंजाब में भाजपा उम्मीदवारों को प्रचार करने से रोकने के लिए आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। तीनों दलों के कार्यकर्ता किसान संगठनों के आंदोलन की आड़ लेकर भाजपा उम्मीदवारों का रास्ता रोक रहे हैं। ये आरोप पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ ने शनिवार को लगाए। जाखड़ ने आशंका जताई कि प्रदर्शनकारी किसानों में घुसपैठ कर चुके आप और कांग्रेस के ये कार्यकर्ता भाजपा उम्मीदवारों को बदनाम करने के लिए किसी भी हद तक जा सके हैं। यहां तक कि वास्तविक किसानों के खिलाफ अप्रिय घटनाओं को भी अंजाम दे सकते हैं। जाखड़ ने कहा, जब से भाजपा ने लोकसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं तब से आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और अकाली दल के लोग किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं के रूप में अलग-अलग जगह जाकर हमारे उम्मीदवारों का रास्ता रोक रहे हैं। परनीत कौर, हंसराज हंस, दिनेश सिंह बब्बू, सुशील रिंकू, तरनजीत संधू, रवनीत बिट्टू, अनीता सोमप्रकाश या परमपाल कौर सबको प्रचार नहीं करने दिया जा रहा। प्रदेश भाजपा प्रधान ने कहा, पंजाब की आइएएस परमपाल कौर के इस्तीफे को भगवंत मान सरकार लगातार नामंजूर कर रही है । फिर रवनीत बिट्टू को नामंकन से पहले आधी रात को सरकारी महकमे ने 1.82 करोड़ जमा करवाने के लिए नोटिस भेजा गया। इससे पहले राजपुरा के पास परनीत कौर की चुनावी सभा के दौरान किसान की मौत का गलत प्रचार किया गया और निर्दोष पर केस दर्ज किया गया। शुक्रवार-शनिवार की आधी रात को बिजली बंद कर यां काट कर भगवंत मान सरकार द्वारा रवनीत बिट्टू को परेशान किया गया । इससे भगवंत मान सरकार की भाजपा उम्मीदवारों को परेशान कर चुनाव प्रचार मुहिम में बाधा डालने की रणनीति साफ दिखती है । जाखड़ ने कहा, पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी ने जिला प्रशासन और जिला पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर स्पष्ट कहा है कि राज्य में धारा 144 लगी हुई है। इसलिए कोई भी इस प्रकार धरना प्रदर्शन नहीं कर सकता और न ही किसी उम्मीदवार का रास्ता नहीं रोक सकता है। इसके बावजूद हमारे उम्मीदवारों का रास्ता रोका जा रहा है। किसी अधिकारी ने किसान संगठनों को नहीं पूछा कि प्रदर्शन करने के लिए उन्होंने किससे मंजूरी ली? इससे स्पष्ट होता है कि किसान संगठनों का यह आंदोलन पंजाब की मान सरकार द्वारा प्रायोजित है। केजरीवाल को चुनाव अभियान के लिए जमानत मिली है, नाकी उन ओर लगे आरोपों की सत्यता पर जाखड़ ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से चुनाव अभियान हेतु सिर्फ अंतरिम जमानत मिली है। वह आरोपमुक्त नहीं हुए हैं। आम आदमी पार्टी बताए इसमें उत्सव की क्या बात है? जाखड़ ने कहा कि जिन आरोपों में तथा जिस शराब घोटाले के तथ्यों के आधार पर उन पर केस चल रहा है, उस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ नहीं कहा। सुप्रीम कोर्ट ने तो सिर्फ इतना ही कहा है कि चुनाव चल रहे हैं । पांच साल बाद चुनाव आते हैं और इसलिए केजरीवाल को कैंपेन की के लिए बेल देनी चाहिए।
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Gautam Jalandhari (Editor)