राजेंद्र सिंह जादौन
चंडीगढ़,13 जनवरी। हरियाणा में औद्योगिक इकाइयां मजदूरों को पूरा वेतन नहीं दे रही है। इस बारे में शिकायते मिलने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जांच के आदेश दिए है।
मनोहर लाल ने इस मामले की जांच के हरियाणा श्रम विभाग को निर्देश दिए हैं। एक महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने की अधिकारियों को हिदायत दी है।हरियाणा में मजदूरों के वेतन को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लगातार शिकायतें मिल रही हैं। हाल ही में फरीदाबाद दौरे के समय मुख्यमंत्री को स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मजदूरों को वेतन कम दिए जाने की शिकायत की थी। इसके बाद श्रम विभाग को जांच के निर्देश दिए गए जिसमें यह जानकारी मिली कि श्रमिकों को औद्योगिक इकाइयों के द्वारा कम वेतन दिया जा रहा है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश श्रम विभाग को दिए हैं।
2022 से लागू हैं नई दरें
हरियाणा में श्रमिकों की दिहाड़ी में 3.89 प्रतिशत की सरकार ने बढ़ोतरी की है, जो जनवरी 2022 से लागू हैं। अकुशल श्रमिकों का न्यूनतम दैनिक वेतन 388.42 रुपए और मासिक 10 हजार 98 रुपए 88 पैसे तय किया गया है। अर्ध कुशल की 'ए' कैटेगरी के श्रमिकों को अब 10 हजार 293 के बजाय 10 हजार 607 रुपए मासिक तय किए गए हैं।इस वर्ग की 'बी' कैटेगरी के श्रमिकों का वेतन 10 हजार 808 से बढ़ाकर 11 हजार 133 रुपए किया है। उच्च कुशल श्रमिकों को 12 हजार 511 रुपए के बजाय 12 हजार 888 रुपए मिलेंगे। लिपिक तथा सामान्य स्टाफ में दसवीं पास से कम के श्रमिकों को 10 हजार 603, 12वीं पास को 11 हजार 133, स्नातक या इससे ऊपर की पढ़ाई करने वाले लिपिकीय स्टाफ को 11 हजार 690 रुपए मासिक मिलेंगे।
स्टेनो टाइपिस्ट के पद के लिए 11 हजार 133 रुपए निर्धारित किए गए हैं। कनिष्ठ आशुलिपिक को 11 हजार 690, सीनियर आशुलिपिक का 12 हजार 275 रुपए वेतनमान निर्धारित है। निजी सहायकों का वेतन 12 हजार 888 रुपए है। डाटा एंट्री आपरेटर का 11 हजार 690 रुपए हरियाणा श्रम विभाग ने वेतन तय किया है।