पराली को आग न लगाने वाले पंजाब के उद्यमी किसानों का पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित
Oct29,2022
| Gautam Jalandhari | Chandigarh
मोहाली में आयोजित सम्मान समारोह में पंजाब भर से आए उद्यमी किसानों को सरकार द्वारा सम्मान पत्र किए गए प्रदान
कुलतार सिंह संधवां द्वारा बाबा नानक के दर्शन को आधार बनाकर कृषि करने का किया आह्वान
गुरमीत सिंह मीत हेयर द्वारा प्रगतिशील किसानों को पराली ना जलाने का संदेश गाँव-गाँव, घर-घर पहुँचाने की अपील
चंडीगढ़ /एसएएस नगर, 29 अक्तूबर:
पराली की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर बड़े प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के मद्देनजऱ ही आज पंजाब सरकार और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किसान विकास चेंबर, एयरपोर्ट चौक, एसएएस नगर (मोहाली) में पराली को आग न लगाकर, पर्यावरण की रक्षा करने वाले पंजाब के अलग-अलग जिलों से लगभग 150 किसान जिनके द्वारा पिछले पाँच सालों से पराली को आग नहीं लगाई गई, को सम्मानित किया गया।
स्पीकर पंजाब विधान सभा श्री कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि जब किसी गलत प्रथा को रोकने के लिए लोग आगे आएं तब उसका नतीजा निकलकर सामने आता है। उन्होंने कहा समारोह में आए किसान वीरों ने यह साबित कर दिया कि बाबा नानक की शिक्षाओं पर चलकर भी खेती की जा सकती है। उनके द्वारा किसानों को यह अपील की गई कि वह पराली को आग ना लगाएं, जिससे पंजाब के पर्यावरण को साफ़-सुथरा और प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि फसलों के अवशेष को आग लगाने से मिट्टी की ऊपरी सतह पर मौजूद सूक्ष्म जीवों के साथ-साथ इसकी जैविक गुणवत्ता का भी नुकसान होता है। ‘मित्र’ जीवों के नुकसान के कारण ‘शत्रु’ कीटों का प्रकोप बढ़ता है और इसके नतीजे के तौर पर फसलों में बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है।
इस मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए स. गुरमीत सिंह मीत हेयर, कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह ख़ुशी की बात है कि किसान, पंजाब सरकार और अधिकारियों द्वारा दिए जा रहे संदेश को कबूल करते हुए पराली को आग लगाना छोड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंजाबी ऐसी कौम है जिसको हम प्यार से तो समझा सकते हैं परन्तु जबरदस्ती इनके साथ नहीं की जा सकती। उन्होंने बताया कि पराली को आग लगाने के कारण पैदा होने वाले धुएं का सबसे पहले नुकसान किसान भाइयों के अपने परिवारों एवं गाँवों को पहुँचता है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण के कारण केवल फेफड़ों को नुकसान ही नहीं पहुँचता, बल्कि स्वास्थ्य की अन्य कई तरह की बीमारियाँ इंसान को प्रभावित करती हैं। उन्होंने इस बात की ख़ुशी भी अभिव्यक्त की कि युवा पीढ़ी जागरूक हो रही है और पौधरोपण अभियान के अंतर्गत उनके द्वारा अब पौधे लगाने की मुहिम में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया जा रहा है और पेड़ बड़ी मात्रा में लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की मुहिम के स्वरूप पंजाब में जगह-जगह पर मिनी फॉरेस्ट लगाए जा रहे हैं।
इस समारोह में कृषि विभाग के माहिरों द्वारा पराली की आग से होने वाले नुकसान, इसको कैसे रोका जाये और सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों संबंधी जानकारी दी गई। इस समारोह में पराली की आग से होने वाले नुकसान को बताते हुए कलाकारों द्वारा एक नुक्कड़ नाटक पेश किया गया और नाड़ को आग न लगाने वाले किसानों द्वारा अपने तजुर्बे और इससे होने वाले लाभ समारोह में शामिल आदरणीय सज्जनों के साथ साझे किए गए।
समारोह में उन्होंने उद्यमी किसानों जिन्होंने लम्बे समय से पराली को आग नहीं लगाई द्वारा भी अपने तजुर्बे साझे किए गए। इनमें गुरप्रीत सिंह चन्दबाजा, सुरजीत सिंह साधूगढ़, रणजीत सिंह बस्सी पठाना घुमंडगढ़, काबल सिंह चुगावां ने किसान भाइयों को बताया कि उनके द्वारा पराली के अवशेष को आग न लगाकर खेती की जाती है और जहाँ धरती की उपजाऊ शक्ति को बरकरार रखा गया और उनकी आमदन में भी चोखी वृद्धि हुई है।
इस समारोह में श्री राहुल तिवाड़ी, आई.ए.एस. सचिव, विज्ञान तकनीक एवं पर्यावरण विभाग, पंजाब, प्रोफ.(डॉ.) अदर्श पाल विग, चेयरमैन, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, डॉ. सुखपाल सिंह, फारमजऱ् कमिशन के चेयरमैन, श्री करनेश गर्ग, उमेंदर दत्त, खेती विरासत मिशन के कार्यकारी निदेशक, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर एसएएस नगर श्रीमति अवनीत कौर, मैंबर सचिव, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, श्री लवनीत कुमार दूबे, सीनियर पर्यावरण इंजीनियर, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, श्री गुरशरन दास गर्ग, पर्यावरण इंजीनियर, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अन्य अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।
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