राजेंद्र सिंह जादौन
चंडीगढ़, 28मई। हरियाणा में अब शिक्षा के क्षेत्र में भी परिवार पहचान पत्र की दखलंदाजी हो गई है। प्रदेश के कॉलेज में प्रवेश के आवेदन के साथ अब परिवार पहचान पत्र सलग्न करना अनिवार्य होगा। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से परिवार पहचान पत्र को जरूरी कर दिया गया है।
युवाओं को प्रवेश आवेदन के साथ ही अपना परिवार पहचान पत्र अपलोड करना होगा।
हरियाणा में सोमवार से सरकारी कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए केंद्रीकृत ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया शुरू हो रही है।राज्य के सरकारी कॉलेज सोमवार से बुधवार तक अपनी प्रोफाइल भरना शुरू करेंगे, जिसके बाद 5 जून से 19 जून तक युवा आवेदन शुरू कर देंगे। कॉलेज 8 से 23 जून तक दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू करेंगे। सत्यापन का काम पूरा होने के बाद 1 से 20 जुलाई के बीच मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी।
प्रवेश के लिए परिवार पहचान पत्र अनिवार्य होने से बड़ी संख्या में युवाओं को स्नातक बनने का मौका नहीं मिल पाएगा। राज्य में बहुत युवाओ के पास फैमिली आई-डी नहीं है। इसके साथ ही जिनके पास यह आई डी है उनका सटीक डाटा उसमें शामिल नहीं है। इस कारण से प्रमाणीकरण में काफी परेशानी आएगी।
उच्चतर शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट किया है कि सीटों की संख्या भी स्पष्ट होनी चाहिए। इसमें लापरवाही बरतने वाले प्रिंसिपल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही कॉलेजों को विषय संयोजन की सीटों को फ्रीज करने के बाद बदलाव की अनुमति नहीं दी जाएगी। कॉलेज पाठ्यक्रम की सीटों में खेल कोटे की सीटों का भी स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया जाना अनिवार्य है।
सहायता प्राप्त व निजी कॉलेजों को ओपन काउंसलिंग के दौरान ऑफलाइन मोड पर फीस लेने की छूट दी गई है। सभी छात्राओं और अनुसूचित जाति के सभी विद्यार्थियों की राजकीय कॉलेजों में ट्यूशन फीस शून्य है। 2.50 लाख से कम आय वाले परिवारों के विद्यार्थियों को सहायता प्राप्त व निजी कॉलेजों में निर्धारित मानदंडों के अनुसार फीस में छूट दी जाएगी। सरकारी कॉलेजों में छात्रों को एकमुश्त वार्षिक शुल्क देना होगा।