चंडीगढ़ - गत 17 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के वार्षिक तौर पर होने वाले मेयर चुनाव में भाजपा के निर्वाचित पार्षद और उम्मीदवार अनूप गुप्ता ने आम आदमी पार्टी (आप) पार्षद और प्रत्याशी जसबीर सिंह को 1 वोट से पराजित कर मेयर पद पर निर्वाचित हुए. इसी प्रकार सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर दोनों पदों पर भी भाजपा के प्रत्याशियों ने आप पार्टी उम्मीदवारों को 1-1 वोट से हराकर जीत हासिल की.
वैसे देखा जाए तो चंडीगढ़ नगर निगम में तीनो मेयर पदों पर भाजपा की जीत का वास्तविक श्रेय चंडीगढ़ लोकसभा सीट से मोजूदा सांसद किरण खेर को जाता है क्योंकि बीते कल हुए चुनाव में भाजपा और आप दोनों के नगर निगम में 14-14 निर्वाचित पार्षद होने के कारण चुनावी नतीजे टाई होना तय था परन्तु किरण खेर की वोट के कारण एक-एक वोट से भाजपा ने तीनो मेयर पदों पर विजयश्री हासिल की. ज्ञात रहे कि चंडीगढ़ नगर निगम कानून में स्थानीय लोकसभा सांसद को भी वोट देने का अधिकार है हालांकि चंडीगढ़ प्रशासक द्वारा मनोनीत नौ पार्षदों को वोट देने का अधिकार नहीं है.
बहरहाल, इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण पॉइंट उठाते हुए बताया कि बेशक एक वर्ष पूर्व दिसम्बर, 2021 में हुए चंडीगढ़ नगर निगम के छठे आम चुनावो में 35 वार्डों में से 14 वार्डों में आप ,12 वार्डों में भाजपा ,8 वार्डों में कांग्रेस जबकि 1 वार्ड में अकाली दल का उम्मीदवार विजयी रहा परन्तु तकनीकी तौर पर चंडीगढ़ नगर निगम में सभी निर्वाचित 35 पार्षदों की कोई राजनीतिक पार्टी ही नहीं है चूँकि उन सभी को 27 दिसम्बर, 2021 को नगर निगम आम चुनावों की मतगणना के बाद सम्बन्धित रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) द्वारा प्रदान किये गये इलेक्शन सर्टिफिकेट (निर्वाचन प्रमाण पत्र ) में राजनीतिक दल का उल्लेख तक नहीं किया गया.
गत वर्ष 2022 में कांग्रेस के टिकट पर जीते दो पार्षद भाजपा में शामिल हो गये थे जिससे मोजूदा चंडीगढ़ नगर निगम सदन में भाजपा के पार्षद 12 से बढ़कर 14 जबकि कांग्रेस के 8 से घटकर 6 हो गये थे.
बहरहाल, मतगणना के अगले दिन 28 दिसंबर 2021 को राज्य निर्वाचन आयोग, यूटी, चंडीगढ़ द्वारा जारी एक गजट नोटिफिकेशन में जिसमें सभी 35 नव-निर्वाचित पार्षदों के नाम नोटिफाई किये गए उसमें उन सभी के नामो के साथ साथ उनकी राजनीतिक सम्बद्धता अर्थात उनके राजनीतिक दल के नाम अर्थात वह जिस राजनीतिक पार्टी से जीते, उसका उल्लेख किया गया था.
जिस पर हेमंत ने प्रश्न-चिन्ह उठाते हुए चंडीगढ़ के राज्य चुनाव आयुक्त और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक और आला अधिकारियों को लिखा था क्योंकि जब सभी 35 वार्डों से निर्वाचित पार्षदों को सम्बंधित आर.ओ. द्वारा प्रदान इलेक्शन सर्टिफिकेट में उनके सम्बंधित राजनीतिक दल जैसे आप, भाजपा, कांग्रेस और अकाली दल का उल्लेख तक नहीं किया गया है तो राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्वाचन नोटिफिकेशन में उनके राजनीतिक दल का उल्लेख कैसे किया जा सकता है ?
हेमंत ने आगे बताया कि उपरोक्त इलेक्शन सटिफिकेट यूटी चंडीगढ़ प्रशासन के स्थानीय स्वशासन विभाग द्वारा वर्ष 1995 में बनाये गए चंडीगढ़ नगर निगम (पार्षदों का निर्वाचन) नियमों, 1995 के नियम संख्या 75 के अंतर्गत एवं फॉर्म नंबर 19 के प्रारूप में वार्डो से जीतने वाले उम्मीदवारो को सम्बंधित रिटर्निंग ऑफिसर
द्वारा जारी किया जाता है एवं न तो उक्त नियम में और न ही उक्त फॉर्म में निर्वाचित पार्षद के राजनीतिक दल/पार्टी का नाम दर्शाने बारे कोई उल्लेख किया गया है.