पर्यावरणविदों के संघर्ष का समर्थन
मतेवाड़ा के जंगल में कपड़ा हब के निर्माण की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जिला लुधियाना द्वारा कड़ी निंदा की गई है। यहां जारी एक बयान में पार्टी नेताओं ने कहा कि यह परियोजना बाढ़ क्षेत्र में घातक साबित होगी।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना पर्यावरण के लिए हानिकारक होगी। नेताओं ने कहा कि भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार के नेता इस परियोजना का विरोध कर रहे थे और लोगों से इस विश्वास के साथ वोट लिए थे कि जब उनकी सरकार आएगी तो वे इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ने देंगे। इस क्षेत्र के लोग अब अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी परियोजनाओं को उन स्थानों पर स्थापित किया जा सकता है जो पहले से ही औद्योगिक केंद्र स्थापित करने के लिए अधिग्रहित की गई हैं। पंजाब में वन क्षेत्र पहले से ही बहुत थोड़ा है। पर्यावरण के संतुलन के लिए 33% क्षेत्र वन की आवश्यकता है जबकि पंजाब में यह 4% से कम है। पार्टी नेताओं ने कहा कि वे पंजाब में उद्योग लगाने के हक में हैं। लेकिन वे ऐसे उद्योगों के खिलाफ हैं जो पानी को प्रदूषित और पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। बुड्ढा नदी में औद्योगिक कचरे से बने गंदे नाले का नतीजा हम सबके सामने है। इससे लुधियाना और उसके आसपास के इलाकों में न सिर्फ कैंसर फैल रहा है बल्कि सतलुज में भी दूर-दूर तक जानलेवा बीमारियां फैला रहा है। उन्होंने कहा कि सतलुज से इसकी निकटता के कारण यहां पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। जब ग्रामीणों ने मुलाकात की तो पता चला कि उनसे फर्जी तरीके से प्रस्ताव पारित करवाए गए । ग्रामीणों ने बाद में एक ग्राम सभा बुलाई और प्रस्ताव को खारिज कर दिया। बयान जारी करने वालों में पार्टी नेता डी पी मौड़, डॉ अरुण मित्रा, गुलजार गोरिया, रमेश रतन, चमकौर सिंह, एमएस भाटिया और विजय कुमार शामिल हैं।
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Gautam Jalandhari (Editor)