विश्व स्तरीय शैक्षणिक प्रशिक्षण प्राप्त कर फिनलैंड से लौटे बी.पी.ई.ओ., सी.एच.टी., एच.टी. और प्राइमरी/एलीमेंट्री शिक्षकों समेत 72 सदस्यों के दल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का हृदय से धन्यवाद करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए उन्हें एक नया अनुभव मिला है, जिससे राज्य की शिक्षा प्रणाली का स्तर और ऊंचा होगा।
लुधियाना के मनमीत सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान कहा कि फिनलैंड के दौरे से उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाने के मनोरंजक तरीकों और तकनीकों के बारे में सीखा है, जबकि पहले पारंपरिक विधियों का ही उपयोग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे इस अनुभव को अन्य शिक्षकों के साथ भी साझा कर रहे हैं।
बठिंडा के एक अन्य शिक्षक, दलजीत सिंह ने बताया कि फिनलैंड की एक प्रशिक्षक क्रिस्टीना ने पंजाब सरकार की इस पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पंचायत और अन्य शिक्षकों के साथ भी अपना अनुभव साझा किया है, जिससे उनमें जबरदस्त उत्साह है।
इस अवसर पर तलवाड़ा के अमरिंदरपाल सिंह ढिल्लों ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने जिम्मेदारी की वास्तविक भावना को समझा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के दूरदर्शी निर्णय से शिक्षा के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत होगी।
फतेहगढ़ साहिब की प्राइमरी शिक्षिका बलजीत कौर परमार ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस अवसर ने उन्हें आरामदायक माहौल से बाहर निकलकर खुद को नए युग में ढालने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि इस अनुभव ने उन्हें हर मंच पर खुलकर अपने विचार व्यक्त करने का आत्मविश्वास दिया है।
तरनतारन के अनुप सिंह मैणी ने कहा कि प्रशिक्षण के बाद उनका दृष्टिकोण पूरी तरह बदल गया है। उन्होंने कहा कि वे फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली से अत्यधिक प्रभावित हुए हैं, जहां शिक्षण के अन्य तरीकों के साथ-साथ व्यावहारिक शिक्षा पर अधिक जोर दिया जाता है।
लुधियाना के मनप्रीत सिंह ने कहा कि फिनलैंड की शिक्षा क्रांति सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के दृढ़ संकल्प के कारण राज्य में भी शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं। उन्होंने इस दूरदर्शी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी।
होशियारपुर की शिक्षिका वंदना हीन ने कहा कि यह उनके लिए मनोरंजक तकनीकों के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करने का नया अनुभव था, जो आज के समय की जरूरत भी है। उन्होंने विदेश जाकर प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
तरन तारन की निर्मलजीत कौर ने कहा कि यह पहली बार था जब प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने समय के महत्व और उसके कुशल उपयोग के बारे में जाना। अब वे विद्यार्थियों को भी इन नैतिक मूल्यों की शिक्षा देंगे।
पटियाला की आंचल सिंगला ने कहा कि राज्य का प्राइमरी और प्री-प्राइमरी पाठ्यक्रम फिनलैंड के समान ही है, लेकिन वहां विद्यार्थियों को पढ़ाने के तरीके अधिक व्यावहारिक और आनंददायक हैं। उन्होंने कहा कि वे बहुत खुश हैं कि राज्य सरकार ने उन्हें विदेश जाकर प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया।
एस.ए.एस. नगर की वंदना ने कहा कि फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली क्रांतिकारी है, क्योंकि चौथी कक्षा के विद्यार्थियों को भी व्यापारिक कौशल सिखाए जाते हैं, और वे ट्रेडमार्क और फूड लाइसेंस के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रयासों के कारण इस अद्वितीय अनुभव को प्राप्त करने का मौका मिलने पर आभार व्यक्त किया।
पटियाला के गुरप्रीत सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने उन्हें यह प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर देकर एक मिसाल कायम की है, जो उनके सर्वांगीण विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
इस अवसर पर एस.सी.ई.आर.टी. की निदेशक अमनिंदर कौर बराड़ ने टीम की सराहना करते हुए पढ़ाने के जोश को बनाए रखने और कक्षाओं के बीच नियमित अंतराल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने व्यावहारिक शिक्षा की आवश्यकता को उजागर करते हुए कहा कि प्रत्येक स्कूल की पहुंच बढ़ईगिरी और अन्य कार्यशालाओं तक होनी चाहिए। इसके अलावा श्रीमती बराड़ ने विद्यार्थियों को विभिन्न उपकरण प्रदान करने की भी वकालत की, जिससे वे थ्योरी के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल भी प्राप्त कर सकें।
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Gautam Jalandhari (Editor)