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अमर रहे के जयकारों से गुंजायमान हुआ गांव बारना
गांव बारना निवासी नायक अश्वनी कुमार को हजारों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। शहीद अश्वनी कुमार की एक झलक पाने को सभी लोग आतुर थे। गांव की चौपाल में थानेसर विधायक सुभाष सुधा, हरियाणा सरस्वती हैरिटेज बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमिच, तहसीलदार, पुलिस उपाधीक्षक सुभाष चंद व सेना के अधिकारियों ने अश्वनी कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित की। जिस वक्त शहीद का पार्थिव शरीर गांव में लाया जा रहा था उस वक्त सैकड़ों मोटरसाइकिलों पर सवार होकर युवा हाथों में तिरंगा झंडा लिए शहीद के पार्थिव शरीर की अगुवाई कर रहे थे। इसके बाद गांव के शमशान घाट में अश्वनी कुमार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद की अंतिम यात्रा के दौरान पूरा आसमान शहीद अश्वनी कुमार अमर के नारों से गुंजायमान हो गया। बता दें कि अश्वनी कुमार की ड्यूटी रायवाला हरिद्वार में थी वे 306 फील्ड रेजीमेंट के सैनिक थे। कुछ दिन पहले अश्वनी कुमार को फौज के काम से जबलपुर भेजा गया था जब वे ट्रेन में सफर कर रहे थे तो अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। इस दौरान इलाहाबाद मे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन स्थिति गंभीर होने के कारण 27 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई। अश्वनी कुमार अपने पीछे मां चम्पा देवी, पत्नी सीमा, बेटे अक्षित व भाई नवीन को छोड़ गए हैं।
शहीद अश्वनी कुमार को अंतिम विदाई देने पहुंचे थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि छोटी सी उमर में ही देश सेवा के लिए शहीद हो जाना बहुत बड़ी बात है। आज हम खुली हवा में जो सांस ले रहे हैं, यह शहीदों की बदौलत है। विधायक ने कहा कि गांव बारना में पहले भी तीन शहीद हैं। बारना गांव के अनेकों सैनिक सेना में रहकर देश की सेवा कर रहे हैं। उन्होने अश्वनी कुमार की माता को नमन करते हुए कहा कि धन्य है ऐसी माँ जिन्होने अश्वनी कुमार जैसे वीर को जन्म दिया जोकि अंतिम समय तक देश सेवा में लगे रहे। अश्वनी कुमार जैसे वीरों की याद हमेशा देशवासियों के दिलों में बनी रहेगी। हरियाणा के पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि वे सलाम करते हैं ऐसे शहीद को जो देश के लिए वीरगति को प्राप्त हुए हैं। आज हम जो हम चैन की सांस ले रहे हैं यह अश्वनी जैसे वीरों की देन है। हमें नाज है ऐसे वीरों पर जोकि सीमा पर रहकर देश की सेवा करते हैं। उन्होने कहा कि बारना की धरती भी सैल्यूट करने के लायक है क्योंकि यहां के सैंकड़ों युवा सेना में रहकर देश की सेवा करने का कार्य कर रहे हैं।
माँ बोली, मुझे गर्व है
जैसे ही गांव में अश्वनी कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा तो माँ चम्पा देवी अपने आंसू न रोक पाई। माँ ने अपने बेटे को देखकर उसे सैल्यूट किया। चम्पा देवी ने कहा कि उसे अपने बेटे पर गर्व है। उन्होने कहा कि मुझे बेटे के चले जाने का दर्द है लेकिन उसे गर्व है कि वह देश की सेवा करते हुए शहादत का प्राप्त हुए हैं।
चीन के खिलाफ मिशन में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
सेना के अधिकारी बिजेंद्र सिंह ने कहा कि अश्वनी कुमार बहादुर सैनिक थे। पिछले दिनों चीन के खिलाफ मिशन में अश्वनी कुमार ने महत्वपूर्ण कार्य किया था। वे निडऱता के साथ आगे बढने वाले व्यक्ति थे। वहीं अश्वनी कुमार के साथी संदीप ने उनकी दास्तां ब्यान करते हुए कहा कि अश्वनी कुमार साहसिक होने के साथ-साथ अच्छे व्यक्तित्व के धनी भी थे। हर वक्त उनके चेहरे पर मुस्कान व आगे बढने की ललक दिखाई पडती थी।