कैथल मे दवा व्यापारी के यहां छापा डाला गया** ( राजेंद्र सिंह जादौन ) चंडीगढ़,6जून।राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स की फंडिंग करने वालों पर पंजाब और हरियाणा में छापेमारी की है। पंजाब में 9 और हरियाणा में एक ठिकाने पर छापेमारी की गई। खालिस्तान टाइगर फोर्स के लिए फंड जुटाने के अलावा सीमा पार से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक की तस्करी की साजिश में शामिल लोगों पर भी यह छापे मारे गए। हरियाणा के शहर कैथल में दवा व्यापारी के यहां छापा डाला गया। एजेंसी को खबर मिली थी कि खालिस्तान टाइगर फोर्स द्वारा पंजाब और हरियाणा में बड़ी वारदातों की तैयारी की जा रही है। जिसमें धमाकों से लेकर टारगेट किलिंग तक शामिल है। उनके प्लान को डीकोड करने पर एनआईए को पता चला कि कई लोकल लोग उनके लिए फंडिंग कर रहे हैं। कई फंडिंग का जरिया बने हुए हैं। वहीं कई लोग बॉर्डर पार और खासकर पाकिस्तान से हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी में मदद कर रहे हैं। जिसके बाद एक साथ खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़े संदिग्ध लोगों पर छापे डाले गए। एनआईए की टीम ने पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले में खिलौना बेचने वाले पर छापेमारी की है। टीम ने अबोहर रोड बाइपास पर रहने वाले व्यक्ति से काफी देर तक पूछताछ की । पूछताछ के लिए उसे चंडीगढ़ बुलाया गया ।इसके अलावा फिरोजपुर के तलवंडी भाई क्षेत्र में भी छापेमारी की गई। यहां के करीब 5 गांवों से कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। उनसे खालिस्तान टाइगर फोर्स की फंडिंग और हथियार तस्करी की साजिश में शामिल होने को लेकर पूछताछ की जा रही है। हरियाणा के कैथल में दवा कारोबारी भाईयों प्रदीप और कुलदीप के घर सुबह 6 बजे छापेमारी हुई। गांव चूहड़माजरा में ये छापेमारी करीब 4 घंटे चली। टीम के पास जानकारी थी कि प्रदीप और कुलदीप के बैंक खातों में असामान्य लेनदेन हुए हैं। दोनों अवैध रूप से दवाइयों की सप्लाई करते हैं।प्रदीप के बड़े भाई कुलदीप के अनुसार, शक के आधार पर एनआईए की टीम उनके घर पूछताछ के लिए आई थी। टीम वापस चली गई है। भाई प्रदीप के बैंक खातों की पासबुक और अन्य लेनदेन की जांच की गई। टीम ने सवाल जवाब किए। कई कागजों पर प्रदीप के हस्ताक्षर करवाए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चार महीने पहले खालिस्तान टाइगर फोर्स को आतंकी संगठन करार दिया था। गृह मंत्रालय ने कहा था- ''खालिस्तान टाइगर फोर्स कट्टरपंथी संगठन है। जिसका मकसद पंजाब में फिर आतंकवाद फैलाना है। पंजाब में टारगेट किलिंग के पीछे भी इस संगठन का हाथ है। गृह मंत्रालय का कहना है कि ये संगठन भारत की क्षेत्रीय अखंडता, एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देता है''।खालिस्तान टाइगर फोर्स का सरगना हरदीप सिंह निज्जर है। वह कनाडा में बैठकर संगठन को ऑपरेट कर रहा है। सितंबर 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरदीप निज्जर को आतंकवादी घोषित कर दिया था। इसके बाद निज्जर की जालंधर के भर सिंह पुरा गांव में संपत्तियां भी कुर्क की थी। इसी गांव में निज्जर ने पुजारी का कत्ल कराया था। इसके जरिए वह पंजाब में धार्मिक उन्माद फैलाने की फिराक में था। वर्ष 2018 में जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत की यात्रा पर आए थे, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उन्हें खालिस्तानी आतंकवादियों की एक सूची सौंपी थी और और उसमें निज्जर का भी नाम था। पंजाब में हाल ही में कई टारगेट किलिंग और बम धमाकों के आरोपी अर्शदीप डल्ला भी इसी आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है।
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Gautam Jalandhari (Editor)