पंजाब के ऊर्जा मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने आज बताया कि बिजली की माँग में भारी वृद्धि होने के बावजूद पी.एस.पी.सी.एल. राज्य में उपभोक्ताओं के सभी वर्गों को निर्बाध बिजली आपूर्ति कर रहा है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्य में पिछले साल के मुकाबले इस साल मार्च महीने से तापमान तेज़ी से बढऩे के कारण बिजली की माँग में भारी वृद्धि देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2022 के दौरान पीएसपीसीएल ने 10,000 मेगावाट की पीक बिजली माँग को पूरा किया है, जोकि अप्रैल 2021 की अपेक्षा 46 फीसदी अधिक थी। मई 2022 में बिजली की यह असाधारण माँग निरंतर जारी है और पीएसपीसीएल द्वारा 10,900 मेगावाट की पीक माँग पूरी की गई है, जोकि मई 2021 की अपेक्षा 60 फीसदी से अधिक है। मंत्री ने कहा कि इसके बावजूद उपभोक्ताओं की किसी भी श्रेणी पर कोई बिजली कट नहीं लगाया जा रहा है और खेती में इस्तेमाल की जाने वाली मोटरों को भी निर्धारित समय के अनुसार आपूर्ति दी जा रही है।
आज यहाँ जारी एक प्रैस बयान में ऊर्जा मंत्री ने आगे बताया कि जीएचटीपी लैहरा मोहब्बत के एक यूनिट, जिसको तकनीकी खऱाबी के कारण बीती रात बंद कर दिया गया है, को छोड़ कर राज्य के सभी थर्मल यूनिट चल रहे हैं। राजपुरा के दोनों यूनिट चालू हैं और सालाना ओवरहालिंग के लिए बंद टी.एस.पी.एल. की 660 मेगावाट वाली तीसरी यूनिट आज शाम से उत्पादन शुरू कर देगी। जी.जी.एस.एस.टी.पी. रोपड़ के सभी चार यूनिट उपलब्ध हैं और आगामी धान के सीजन के लिए कोयले के संरक्षण के लिए एक यूनिट स्टैंडबाय पर है क्योंकि एक्सचेन्ज में तुलनात्मक आधार पर सस्ती बिजली उपलब्ध है। इसके अलावा जी.एच.टी.पी. लैहरा मोहब्बत के दो यूनिट इस समय चल रहे हैं और एक यूनिट स्टैंडबाय पर है।
श्री हरभजन सिंह ने बताया कि बीती रात लैहरा मोहब्बत के 210 मेगावाट वाले यूनिट नंबर 2 के इलैकट्रोस्टैटिक प्रैसीपीटेटरज़ में तकनीकी खऱाबी आ गई, जिसके उपरांत पी.एस.पी.सी.एल के सी.एम.डी. ने मौके पर जायज़ा लेने के लिए प्लांट का दौरा किया।
चण्डीगढ़ से बी.एच.ई.एल. इंजीनियरों की टीम भी साइट पर पहुँच गई है और मुख्य कार्यालय से बी.एच.ई.एल. विशेषज्ञ और रानीपेट से डिज़ाइन इंजीनियर कल लैहरा मोहब्बत पहुँचकर नुकसान का पता लगाएंगे और यूनिट को जल्द से जल्द फिर चालू करने के लिए सहायता प्रदान करेंगे। मंत्री ने कहा कि खऱाबी के कारणों का विश्लेषण करके उसके उपरांत उपयुक्त कार्यवाही करने के लिए एक समिति बनाई गई है।
ऊर्जा मंत्री ने राज्य के लोगों को आश्वासन दिया कि पीएसपीसीएल यूनिट को जल्द से जल्द चालू करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। पीएसपीसीएल को धान के सीजन के दौरान राज्य में ज़रुरी कोयले और बिजली के लिए उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं और हमारे अधिकारी केंद्रीय बिजली एवं कोयला मंत्रालयों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
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Gautam Jalandhari (Editor)