राज्य सरकार द्वारा चल रहे सीजन के दौरान धान की सरकारी खरीद में कोई भी अनियमितता को सहन न करने की नीति पर पुरज़ोर ढंग से पहरा दिया जा रहा है और अनियमितताएँ करने वालों के खि़लाफ़ कंड़ी कार्यवाही की जा रही है, क्योंकि एक पारदर्शी और साफ़-सुथरा प्रशासन लोगों को मुहैया करवाने का मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने संकल्प लिया है। यह जानकारी देते हुए राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने बताया कि इसी सिलसिले के अंतर्गत मैसर्ज भाई लहना जी राइस मिल्स, बरीवाला की धान की अलॉटमैंट रद्द करते हुए मिल को 3 साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया है। उन्होंने आगे जानकारी दी कि विभाग की सी.वी.सी. टीम ने उपरोक्त मिल के धान के स्टॉक की पड़ताल की और पाया कि मिल में 8000 बोरियाँ (3000 क्विंटल) धान की फ़सल अधिक है, जिसकी सरकारी कीमत 75 लाख रुपए बनती है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी जमाखोरी हरगिज़ भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव राज्य की किसानी पर पड़ता है। विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भंडारी ने और अधिक जानकारी देते हुए बताया कि तारीख़ 29-10-2022 को विभाग की विजीलैंस टीम द्वारा मार्कफैड एजेंसी को अलॉट उक्त मिल की वास्तविक पड़ताल की गई। मार्कफैड द्वारा अलग-अलग खऱीद केन्द्रों से मिल में भेजे गए धान और मिल में स्थापित अस्थाई खऱीद केंद्र में पड़े स्टॉक का मिलान करने पर उपरोक्त अनियमितता सामने आई। मिल में 39,563 बोरियों की जगह 45,102 बोरियाँ और अस्थाई खऱीद केंद्र में 402 बोरियाँ धान की जगह 2863 बोरियाँ पाई गईं। इस तरह मिल में 5539 और अस्थाई खऱीद केंद्र में 2461 बोरियाँ धान की फ़सल अधिक पाई गई। उन्होंने बताया कि इससे यह लगता है कि मिलर ने अनाधिकृत रूप से या कम कीमत पर धान की फ़सल खरीद कर रीसाइकल करने के मंतव्य से सरकार को चूना लगाने की कोशिश की है। इसी को मुख्य रखते हुए सरकार की कस्टम मिलिंग नीति 2022-23 के अनुसार जि़ला अलॉटमैंट समिति श्री मुक्तसर साहिब द्वारा उपरोक्त मिल की अलॉटमैंट रद्द करने और मिल को तीन सालों के लिए ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही की गई है। मिल की अलॉटमैंट रद्द होने के कारण मिल में भंडार किया गया धान मिलर के रिस्क और कॉस्ट और अनय मिलों में शिफ्ट करने सम्बन्धी भी हुक्म जारी किए गए हैं। इसके अलावा मिल को बतौर अस्थाई केंद्र डी-नोटीफायी करने के लिए कार्यवाही आरंभ कर दी गई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा खऱीफ़ सीजन 2022-23 के दौरान राज्य में बाहर के राज्यों से सस्ते भाव और खरीदा गया धान/चावल पंजाब राज्य में लाकर बेचने और धान/चावल की नकली बिलिंग को रोकने के लिए मुहिम शुरु की हुई है, जिससे धान/चावल की रीसाइकलिंग को रोका जा सके। राज्य सरकार इन मामलों को बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने की नीति अपनाते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्ती से कार्यवाही करेगी और यदि सरकार के किसी कर्मचारी की मिलीभगत ऐसे मामलों में पाई गई तो उसके विरुद्ध भी पूरी सख़्ती से कार्यवाही की जाएगी। ------------------
Lal-Chand-Kataruchak-Food-Civil-Supplies-And-Consumer-Affairs-Minister
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Gautam Jalandhari (Editor)