किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए आम आदमी पार्टी ने बुधवार को लुधियाना में राज्य स्तरीय लोहड़ी समारोह का आयोजन किया और उसे शहीद किसानों के नाम समर्पित किया। समागम की अध्यक्षता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने की। समारोह की शुरुआत में वहां उपस्थित सभी नेताओं ने मौन धारण करके किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी। पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा, उपनेता बीबी सरबजीत कौर माणुके, विधायक प्रिंसिपल बुद्धराम, प्रो. बलजिंदर कौर, गुरमीत सिंह मीत हेयर, कुलतार सिंह संधवा, मनजीत सिंह बिलासपुर, कुलवंत पंडोरी, अमरजीत सिंह संदोआ, मास्टर बलदेव सिंह जैतो, जग्गा हिसोवाल, महासचिव हरचंद सिंह बरसट, राज्य कोषाध्यक्ष नीना मित्तल, राज्य सचिव गगनदीप सिंह चड्ढा, संयुक्त सचिव अमनदीप सिंह मोही और अन्य सभी उपस्थित नेताओं ने मौर धारण कर शहीद किसानों को श्रद्धाजलि दी और उनके साहस व हौसले को सलाम किया। मान ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि कृषि कानून के मुद्दे पर शुरू किया गया आंदोलन अब एक जन आंदोलन बन गया है। दलालों, छोटे व्यापारियों, मजदूरों, कर्मचारियों सहित हर वर्ग के लिए ये काले कानून बहुत खतरनाक हैं। आज किसान आंदोलन को देश के प्रत्येक नागरिक का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही सत्ता में रहने वाले सभी दलों ने सांप्रदाय और वर्ग के आधार पर लोगों को वोट के लिए विभाजित किया, लेकिन अब जनता इन विभाजनकारी नेताओं की साजिशों को समझ गई है कि येलोग कुर्सी पाने के लिए आपस में लोगों को लड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र के काले कानून के खिलाफ जिस तरह से पंजाब और हरियाणा के किसान इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं, उससे पूरे देश को फायदा होगा। किसान पिछले कई महीनों से सडक़ों पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन मोदी सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी तो मजबूर होकर किसानों को इस कड़ाके की ठंड में दिल्ली की सडक़ पर बैठना पड़ा। लोगों की बात सुनने के बजाय प्रधानमंत्री कॉरर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए आमलोग से ही उलझ रहे हैं। मान ने कहा कि अगर किसी अभिनेता-अभिनेत्री को बुखार लग जाता है तो प्रधानमंत्री मोदी तुरंत ट्वीट करते हैं और उनसे हाल पूछते हैं। मगर उनके ही बनाये कानून के खिलाफ संघर्ष करते हुए हमारे 65 से अधिक अन्नदाताओं ने अपनी जान गवां दी लेकिन देश के प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं बोला। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसान काले कानूनों को लेकर शीर्ष अदालत में नहीं गए थे, केंद्र सरकार ने ही अपने लोगों के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करवायी थी। मोदी सरकार ने कोर्ट के माध्यम से अपनी पसंद की समिति बनाई ताकि किसानों को गुमराह कर आंदोलन को खत्म किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब अदालत की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। उन्होंने कहा कि अगर हम मोदी-शाह से संबंधित कोर्ट के मामलों को देखें जिनमें न्यायाधीशों ने अपने फैसले सुनाए उनमें ज्यादातर फैसले मोदी सरकार के पक्ष मे ही आए। इस मामले में भी देखे तो किसानों ने समिति के गठन की कभी मांग नहीं की थी पर काले कानूनों की तरह ही इस कमेटी को भी जबर्दस्ती किसानों पर थोपा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी ने चुनाव के समय सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया था, लेकिन अब वह हम (मोदी-शाह), हमारे दो (अंबानी-अंबानी) की नीति पर काम कर रहे हैं। लोगों ने मोदी के मन की बात सुनकर दो बार प्रधानमंत्री बनाया है, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने एक बार भी देश के आमलोगों की बात नहीं सुनी। नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले ही दिन से काले कानूनों का विरोध कर रही है। हम और हमारी पार्टी किसानों के संकट की इस घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। केजरीवाल सरकार के तरफ से भी दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को हर संभव सुविधा मुहैया कराई जा रही है। आज आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्य भर के गांवों और मुहल्लों में काले कानूनों की प्रतियां जलाकर किसान आंदोलन में शहीद हुए अपने किसान भाईयों को श्रद्धाजलि दी। इस अवसर पर हरमिंदर सिंह बख्शी, लुधियाना शहर के अध्यक्ष सुरेश गोयल, ग्रामीण सह-अध्यक्ष गुरदर्शन सिंह कूहली, जिला सचिव शरण पाल सिंह मक्कड़, जिला मीडिया प्रभारी दुपिंदर सिंह, सोशल मीडिया प्रभारी गोबिंद कुमार, कार्यालय प्रभारी मास्टर हरि सिंह, इवेंट इंचार्ज राजन मल्होत्रा, वरिष्ठ नेता अहिबा सिंह ग्रेवाल, गुरजीत सिंह गिल, राजिंदर पाल कौर छीना, रविंदर पाल सिंह पाली, प्रो तेजपाल सिंह गिल, पुनीत साहनी, तरसेम सिंह भिंडर, भूपिंदर सिंह संधू, भरतपुर सिंह, हरप्रीत सिंह पलाहा, कुलदीप सिंह फौजी, कमल मिगलानी, अमर सिंह सिंह, रंजीत सिंह सैनी, धर्मिंदर फौजी, तशीत गुप्ता, बलजीत सिंह ग्रेवाल, हरबंस सिंह भावना, कुलदीप ऐरी, बलदेव सिंह, चंद्र भारद्वाज, नीरज कुमार, शेखर ग्रोवर, परमिंदर संधू, सनी बेदी, हनी संधू, बीर सुखपाल, राज कुमार सैनी आदि उपस्थित थे
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Gautam Jalandhari (Editor)