सहकारिता मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने राज्य के सहकारी बैंकों को प्राईवेट बैंकों के मुकाबले का न्योता देते हुए सहकारी बैंकों की मुकम्मल कायाकल्प करने के लिए व्यापक योजनाओं का ऐलान करते हुए गोल्ड लोन, बीमा स्कीमें शुरू करने की बात कही। इसके साथ ही बैंकों में स्टाफ की कमी के लिए नयी भर्ती करने, नेट बैंकिंग आदि सेवाओं के लिए नयी तकनीक अपनाने और सहकारी सोसायटियों के कम्प्यूटरीकरण के काम पूरे करने की बात करते हुए सहकारी बैंक को राज्य का अग्रणी बैंक बनाने का संकल्प लिया। यह बात सहकारिता मंत्री स. रंधावा आज पंजाब राज्य सहकारी बैंक (पी.एस.सी.बी.) द्वारा नाबार्ड के सहयोग से यहाँ ‘सहकारी बैंकों के लिए नये व्यापारिक मौकों और माईक्रो फाइनांस’ संबंधी करवाई गई वर्कशॉप’ का उद्घाटन करते हुए कही। स. रंधावा ने कहा कि राज्य में सहकारी बैंकों की 802 शाखाएं हैं और पंजाब के दूर-दूराज के ग्रामीण क्षेत्रों तक इस बैंक की पहुँच है परंतु बैंक की कार्यप्रणाली में पेशेवर पहुँच की कमी के कारण प्राईवेट बैंक अधिक कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों को प्राईवेट बैंकों के साथ मुकाबला करने के लिए अपने कामकाज में कुशलता लाने के साथ-साथ तेज़ और चुस्त मार्किटिंग रणनीतियां भी अपनानी पड़ेंगी क्योंकि इस बैंक का सीधा सम्बन्ध किसानों और गाँव वासियों के साथ है। यदि बैंक आर्थिक तौर पर मज़बूत होगा तो राज्य के छोटे और सीमांत किसानों के साथ साधारण लोगों की आर्थिकता को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बैंकों में होती धाँधलियों और ड्यूटी में लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए अनुशासनहीनता को कतई बर्दाश्त नहीं करने की बात कही। उन्होंने कहा कि ताकतवर कर्ज़दारों के खि़लाफ़ कार्यवाही के लिए बैंक अधिकारी सख्ती से पेश आएं। सहकारिता मंत्री ने नाबार्ड का पंजाब राज्य कृषि विकास बैंक को 750 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता देने के लिए धन्यवाद करते हुए साथ ही यह भी अपील की कि नाबार्ड राज्य सरकार को फंड जारी करते हुए यह शर्त लगाए कि इनका प्रयोग सहकारी बैंकों के द्वारा किया जाये जिससे बैंक और मज़बूत होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक की तरफ से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के उपरांत जि़ला केंद्रीय सहकारी बैंकों का पंजाब राज्य सहकारी बैंकों में विलय को हरी झंडी मिल गई है और अब यह जल्द हो जायेगा जिससे जहाँ बैंक मज़बूत होगा वहीं इस विलय से नयी चुनौतियों का सामना करने के लिए बैंक कर्मी तैयार रहें। उन्होंने कहा कि बैंक में 1600 स्टाफ की भर्ती की योजना है जिसमें से पहले चरण में 800 स्टाफ की भर्ती जल्द कर ली जायेगी। इससे पहले नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर राजीव सवैच ने बोलते हुये कहा कि सहकारी बैंक 100 साल पुरानी संस्था है जो ऐसे छोटे और दर्मियाने किसानों के साथ डील करती है जिनसे कोई और काम नहीं करता। यह किसान अपनी फसल के लिए बीज और खादों के लिए बैंक से कर्जे लेते हैं और सहकारी बैंक का मनोरथ भी ऐसे किसानों की मदद करना होता है। इसलिए सहकारी बैंकों को वित्तीय तौर पर सशक्त होना पड़ेगा जिसके लिए नयी चुनौतियों से निपटना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ऐसे बैंकों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहता है। इस मौके पर बोलते हुये सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार विकास गर्ग ने कहा कि बैंक माईक्रो फाईनांस के साथ अपने कर्जों में विभिन्नता लाया है जिससे बैंक को नये ग्राहक सम्बन्धित एक आाधर तैयार करने और अच्छे फायदे की कमाई करने के योग्य बनाया जायेगा। इसके अलावा, बीमा और स्टाक होल्डिंग कारर्पोशनों के साथ तालमेल करके बैंक ने और अधिक फीस आधारित आमदन की कमाई शुरू कर दी है। उन्होंने यह भी बताया कि स्टाक हाेिल्डंग कारर्पाेरेशन आफ इंडिया लिमटिड के साथ सांझे तौर पर चण्डीगढ़ और पंजाब भर की बैंक की शाखाओं के द्वारा ई-स्टैंप पेपर जारी करने सम्बन्धी एक अन्य नयी पहलकदमी की गई है। उन्होंने डेयरी क्षेत्र को भी बैंकों की कर्ज योजना के अधीन लाने के लिए कहा। पंजाब राज सहकारी बैंक की एम.डी. हरगुणजीत कौर ने कहा कि पी.एस.सी.बी. पिछले लम्बे समय से आम तौर पर किसानों को विभिन्न उद्देश्यों के लिए कर्जे और शहरी ग्राहकों को रिटेल सम्बन्धी कर्जे देती आ रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बैंक नाबार्ड की तरफ से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार स्वै-सहायता ग्रुपों को कर्ज देकर समाज के सबसे कमजोर वर्गों को माईक्रो वित्तीय कर्जे भी प्रदान कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस समय नाबार्ड की तरफ से निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ज्वाइंट लायबिलिटी ग्रुपों (जे.ऐल.जी.) के गठन के लिए क्रमवार ढंग से फंडों की उपलब्धता और अन्य योग्यता सम्बन्धित शर्तों के आधार पर एम.पी.सी.ए.एस.एस./एम.पी.सी.एस/एक्स -एफ.एल.सी. काऊंसलर को 4000 रुपए दिए जा रहे हैं। एम.डी. ने आगे कहा कि हाल ही में बैंक जीवन बीमा, आम बीमा और सेहत बीमे के लिए प्रतिष्ठित बीमा कंपनियों का कॉर्पोरेट एजेंट बन गया है। इस दौरान, ए.एम.डी. (बैंकिंग) जे.एस. सिद्धू ने कहा कि साल 2018-19 में बैंक ने एक नयी लोन स्कीम के अंतर्गत जे.ऐल.जीज को डी.सी.सी.बी. की तरफ से एम.पी.सी.एस.एस./एम.पी.सी.एस. के द्वारा कारोबारी प्रतिनिधियों के तौर पर सीधा कर्ज मुहैया करवाया। इस योजना के अंतर्गत 4 व्यक्तियों के समूहों को कर्जे सम्बन्धी सुविधा प्रदान की जाती है जो साझे तौर पर गारंटी पेश करके अकेले या सामुहिक विधि के द्वारा बैंक में लोन लेने आते हैं। ए.एम.डी. ने कहा कि हरेक मैंबर को ग्रुप की निजी और सामुहिक देनदारी के आधार पर 50000 रुपए तक का कर्ज लेने की आज्ञा होगी, इसका अर्थ है कि चार सदस्यों के समूह को जरूरत के अनुसार अधिक से अधिक 2 लाख रुपए का कर्ज दिया जायेगा और निजी और सामुहिक गारंटी के अलावा कुछ नहीं लिया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि 31 जनवरी, 2021 तक पंजाब के डी.सी.सी.बीज ने करीब 2600 जे.ऐल.जीज़ को 53.24 करोड़ रुपए का कर्ज दिया। कृषि सहकारी स्टाफ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल एस.एस. बराड़ ने वर्कशाप का मंच संचालन किया। इस मौके पर पंजाब राज कृषि विकास बैंक के एम.डी. चरनदेव सिंह मान, नाबार्ड के जनरल मैनेजर पार्थो साहा, क्रिड से प्रो. सतीश वर्मा, वर्कशाप के इंचार्ज सहायक जनरल मैनेजर प्रगति जग्गा समेत समूह जिला सहकारी बैंकों के एम.डी. और जिला मैनेजर भी उपस्थित थे।
Sukhjinder-Singh-Randhawa-Encourages-Cooperative-Banks-To-Compete-At-Par-With-Private-Banks
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Gautam Jalandhari (Editor)